Book Title: Sramana 2016 04
Author(s): Shreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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गुजराती अनुवाद :
पछी ते प्रियंवदा मारी साथे वात करी आकाश मार्गे चाली गइ. हुं पण अनेक प्रकार नी क्रीडा करती सखीओ साधे पोताना आवासे गइ। हिन्दी अनुवाद :
उसके बाद प्रियंवदा मेरे साथ बात कर आकाश मार्ग से चली गई। मैं भी अनेक प्रकार की क्रीड़ा करती हुई सखियों के साथ अपने घर चली आई।
गाहा :
साहु- धणेसर - विरइय-सुबोह- गाहा - समूह - रम्माए । रागग्ग-दोस - विसहर - पसमण - जल- मंत- भूयाए ।। २४९ । । एसोवि परिसमप्पड़ पियंवया दंसणोत्ति नामेण ।
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सुरसुंदरी - कहाए एक्कारसमो परिच्छेओ ।। २५० ।।
एकादशः परिच्छेदः समाप्तः
संस्कृत छाया :
साधुधनेश्वरविरचितसुबोधगाथासमूहरम्यायाः
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रागाग्निद्वेषविषधरप्रशमनजलमन्त्रभूतायाः ।। २४९।। एषोऽपि परिसमाप्यते प्रियंवदादर्शन इति नाम्ना । सुरसुन्दरीकथायाः एकादशमः परिच्छेदः ।। २५० ।। ।। एकादशः परिच्छेदः समाप्तः । ।
गुजराती अनुवाद :
धनेश्वरमुनि विरचित सुबोधगाथा ना समूह थी मनोहर राग रूप अभि तेम ज द्वेष रूप सर्प ना प्रशमन माटे जल तथा मंत्ररूप प्रियंवदा दर्शन' नाम नो सुरसुंदरी कथानो अग्यारमो परिच्छेद समाप्त थयो (पूर्ण थयो) हिन्दी अनुवाद :
धनेश्वर मुनि विरचित सुबोध गाथा के समूह रूप मनोहर रागरूप अग्नि और उसमें द्वेषरूप सर्प को समाप्त करने के लिए जल तथा मन्त्ररूप 'प्रियंवदा दर्शन' नामक सुरसुन्दरी कथानक का ग्यारहवाँ अध्याय समाप्त हुआ।