Book Title: Sramana 2016 04
Author(s): Shreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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गुजराती अनुवाद :
कमलावतीराणीना उपाय
आनंदशून्य स्वी ते बालाने जोइ कमलावती विचारे छे. आ मारो सर्व परिवार एनी आज्ञानुं पालन करनार छे.
हिन्दी अनुवाद :
कमलावती रानी का उपाय
आनन्द से शून्य उस बालिका को देखकर कमलावती रानी विचार करती है । यह हमारा पूरा परिवार उसकी आज्ञा का पालन करने वाला है।
गाहा :
तह य समाण - वयाओ सिणेह साराओ राय - कन्नाओ । नाणाविह चेट्ठाहिं अणुदियहमिमं विणोएंति । । १५६ । ।
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संस्कृत छाया :
तथा च समानवयसः स्नेहसारा राजकन्याः ।
नानाविधचेष्टाभिरनुदिवसमिमां विनोदयन्ति । । १५६ । ।
गुज़राती अनुवाद :
अने समानवयवाळी अने स्नेहल राजकन्याओ विविध क्रीडाओ वड़े रोज तेने आनंद करावे छे.
हिन्दी अनुवाद :
और समान उम्र वाली प्रेमी राजकन्या अनेक प्रकार की क्रीड़ाओं से रोज आनन्द प्रमोद कराती है।
गाहा :
तहवि हु रई न पावइ एसा चिंताए सुसइ अणुदियहं । ता मन्ने का चिंता जीए एसा उ परिहाइ ।। १५७ ।। संस्कृत छाया :
तथापि खलु रतिं न प्राप्नोत्येषा चिन्तया शुष्यत्यनुदिवसम् । तस्माद् मन्ये का चिन्ता यस्या एषा तु परिजहाति ।। १५७ ।। गुजराती अनुवाद :तो पण ते खुश थती नथी, चिंता वड़े आ प्रतिदिन सूकाती जाय छे. तेथी एवी कंइ चिंता हशे के जेथी आ बाला सुकाइ रही छे.