Book Title: Sramana 2016 04
Author(s): Shreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
View full book text
________________
गुजराती अनुवाद :
हे सुतनु ! ते बंधुदत्ता चित्रवेग राजा ने परणी छे. तेनी हुं पुत्री छु. अने मारु नाम प्रियंवदा छे.
हिन्दी अनुवाद :
हे सुतनु! वह बन्धुदत्ता चित्रवेग राजा के साथ ब्याही है। उनकी मैं पुत्री हूँ और मेरा नाम प्रियंवदा है।
गाहा :
अन्नावि महा- देवी तायस्स उ अत्थि कणगमालत्ति । तीए य अत्थि पुत्तो नामेणं मयरकेउत्ति । । १९९।।
संस्कृत छाया :
अन्याऽपि महादेवी तातस्य त्वस्ति कनकमालेति । तस्याश्चास्ति पुत्रो नाम्ना मकरकेतुरिति । । १९९ ।।
गुजराती अनुवाद :
तथा मारा पिता ने बीजी पण कनकमाला नामनी मुख्य राणी छे, तेने मकरकेतु नामनो पुत्र छे.
हिन्दी अनुवाद :
तथा मेरे पिता की कनकमाला नाम की एक और मुख्य रानी है जिसका मकरकेतु नाम का पुत्र है ।
गाहा :
सो मह अईव इट्ठो विरहं न सहामि तस्स निमिसंपि । संप पुण ताणं दिन्नाओ तस्स विज्जाओ ।। २०० ।।
संस्कृत छाया :
स ममातीवेष्टो विरहं न सहे तस्य निमेषमपि ।
सम्प्रति पुनस्तातेन दत्तास्तस्मै विद्याः ।। २०० ॥
गुजराती अनुवाद :
ते मकरकेतु मने बहु ज प्रिय छे. निमेष मात्र पण तेना वियोग ने हुं सहन करी शकती नथी, वळी हमणां मारा पिताए तेने विद्याओ आपेली छे.