Book Title: Sramana 2016 04
Author(s): Shreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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गुजराती अनुवाद :
__ अने वळी हे द्र! सांभळ हाथीवड़े अपहरण करायेली अमरकेतु राजानी कमलावती नामनी आ देवी छे-टाणी छे. हिन्दी अनुवाद :
और हे भद्र सुनो! हाथी द्वारा अपहरण की गयी अमरकेतु राजा की यह कमलावती रानी है। गाहा :
दूरे हथिणनयरं सावय-पउरा य दुग्गमा अडवी । हल-किट्ठ-महीए तहा वियरंति न तावस-कुमारा ।। ५६।। संस्कृत छाया :
दूरे हस्तिन(ना)नगरं श्वापदप्रचुरा च दुर्गमाऽटवी । हलकृष्टमां तथा विचरन्ति न तापसकुमाराः ।।५६।। गुजराती अनुवाद :
हस्तिनापुर नगर दूर छे, जंगलीप्राणीओथी प्रचुर तथा दुःखपूर्वक जइ शकाय तेवी अटवी छे. अने हळथी खेडेळी जमीन पर तापस कुमारो विचरण करी शकता नथी। हिन्दी अनुवाद :
__ हस्तिनापुर नगर यहाँ से दूर है जिसमें अनेक जंगली जानवर हैं तथा जिसमें बड़ी कठिनाई से जाया जा सकता है, ऐसा जंगल है। हल से खोदे गए जमीन पर तापस कुमार विचरण कर सकते नहीं। गाहा :
तेण न एसा सक्कइ पराणिउं निय-पुरम्मि अम्हेहिं ।
न य कोवि तहा-रूवो अन्नो इह आगओ सत्थो ।।५७।। संस्कृत छाया :
तेन नैषा शक्यते पराणेतुं निजपुरेऽस्माभिः ।
न च कोऽपि तथारूपोऽन्य इहागतस्सार्थः ।।५७।। गुजराती अनुवाद :
तेथी अमारावड़े तेणी ने पोताना नगरमां पहोचाडवानुं काम शक्य नथी, वली तेवा प्रकारनो बीजो कोई सारो सार्थ पण अहीं आव्यो नथी।