Book Title: Sramana 2016 04
Author(s): Shreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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हिन्दी अनुवाद :
हे राजन्! मैंने उससे इस प्रकार पूछा। वह बिना कोई उत्तर दिए अत्यन्त दुःखी होकर अश्रुजल बहाने लगी (रोने लगी)। गाहा :
अह तं तहाविहं पासिऊण परिचिंतियं मए एयं । तं एवं संजायं जं पुव्वं सुमइणा भणियं ।।१२६।। संस्कृत छाया :
अथ तां तथाविधां छट्वा परिचिन्तितं मयैतद् । तदेतत् सज्जातं यत्पूर्वं सुमतिना भणितम् ।।१२६।। गुजराती अनुवाद :___ त्यारपछी तेवा प्रकारनी तेनी स्थिति जोइ में विचार कर्यों प्रथम जे सुमति नैमित्तिके कहयुं हतुं ते प्रमाणे आ थयुं छे के. हिन्दी अनुवाद :
उसके पश्चात् उसकी इस प्रकार की स्थिति देखकर मैं विचार करने लगा कि पहले सुमति ज्योतिषी ने जैसा कहा था क्या यह उसी प्रकार हुआ है? गाहा :
कुसुमायर-उज्जाणे जइया गयणाओ कन्नगा पड़िही।
तत्तो य सिग्यमेव हि पुत्तेण समागमो होही ।।१२७।। संस्कृत छाया :
कुसुमाकरोद्याने यदा गगनात् कन्यका पतिष्यति । ततश्च शीघ्रमेव हि पुत्रेण समागमो भविष्यति ।।१२७।। गुजराती अनुवाद :
"ज्यारे कुसुमाकर उद्यानमा आकाशमाथी कन्या पडशे त्यारबाद जल्दी पुत्रनो समागम थशे." हिन्दी अनुवाद :
जब कुसुमाकर उद्यान में लड़की गिरेगी उसके बाद जल्द ही पुत्र से समागम होगा।