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तालिका संख्या-१ खरतरगच्छ-लघुशाखा के मुनिजनों का वंशवृक्ष
जिनवल्लभसूरि
जिनदत्तसूरि मणिधारी जिनचन्द्रसूरि
जिनपतिसूरि
जिनेश्वरसूरि जिनप्रबोधसूरि
जिनसिंहसूरि (खरतरगच्छ की लघुशाखा के आदिपुरुष) जिनप्रभसूरि (मुहम्मद तुगलक प्रतिबोधक: कल्पप्रदीप, विधिमार्गप्रपा आदि विभिन्न कृतियों के रचनाकार)
जिनदेवसूरि (कालकाचार्यकथा के रचनाकार) जिनमेरुसूरि
जिनचन्द्रसूरि जिनहितसूरि (वीरस्तव के रचनाकार; प्रतिमालेख वि०सं० १४४७) जिनसर्वसूरि
आनन्दराज जिनचन्द्रसूरि 'द्वितीय
अभयचन्द्र (गुणदत्तकथा तथा रत्नकरण्ड चारित्रवर्धन (वि.सं.१५०५ में सिन्दूरप्रकर आदि के कर्ता)
टीका तथा रघुवंशकाव्य पर जिनसमुद्रसूरि (कुमारसम्भवटीका, रघुवंशटीका हरिकलश
शिष्यहितैषिणी टीका के कर्ता) आदि के कर्ता) जिनतिलकसूरि (वि.सं.१५०८-१५२८ के मध्य प्रतिमालेखः वा.सहजकलश (वि०सं०१५९६ में प्रज्ञापनाटीका के प्रतिलिपिकार)
वि.सं.१५०८ में सिन्दूरप्रकरवृत्ति के कर्ता)
कल्याणराज
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