Book Title: Sramana 2000 01
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 188
________________ १७९ २६मई को विद्यापीठ परिसर में डॉ० गोकुलचन्द जैन का स्वागत किया गया। इस अवसर पर उन्होंने जैनविद्या के क्षेत्र में शोध की सम्भावनायें विषय पर अपना विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। २७-२९ मई तक विद्यापीठ परिसर में ही राष्ट्रीय मानव संस्कृति शोध संस्थान द्वारा राय कृष्णदास इण्टैक, वाराणसी एवं पार्श्वनाथ विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में प्रो० वासुदेवशरण अग्रवाल की पुण्यस्मृति में भारतीय संस्कृति में शिव नामक विषय पर त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें प्रो० भागचन्द्र जी ने पराणों में ऋषभ और शिव नामक शोधपत्र का वाचन किया और एक सत्र की अध्यक्षता भी की। इस संगोष्ठी में विद्यापीठ की ओर से डॉ० अशोक कुमार सिंह, डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय, श्री ओमप्रकाश सिंह, डॉ० शिवप्रसाद तथा डॉ० पुष्पलता जैन ने शोधपत्र प्रस्तुत किये। ३१ मई को विद्यापीठ परिसर में संस्थान की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करने हेतु वाराणसी के दो विशिष्ट पत्रकार आये जो टाइम्स ऑफ इण्डिया एवं पायनियर से सम्बद्ध थे। दिनांक ४ जनको विद्यापीठ में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें डॉ० सुबोध जैन, एम० डी० एवं डॉ० श्रीमती अर्चना जैन, एम० डी० ने यहां के लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया और उन्हें आवश्यक चिकित्सकीय सलाह प्रदान की। यह शिविर विशेष रूप से संस्थान परिसर एवं समीपवर्ती परिवारों तक ही सीमित रहा। ___स्वास्थ्य एवं दैनन्दिनी को नियमित करने हेतु संस्थान में दिनांक ७ जून से १५ दिवसीय योगशिविर का आयोजन किया गया जिसका संचालन डॉ० सुधा जैन, प्रवक्ता, पार्श्वनाथ विद्यापीठ ने किया। यह शिविर प्रतिदिन प्रात: ५ बजे से ६ बजे तक चला। इसे भी संस्थान से सम्बद्ध परिवारों तक ही सीमित रखा गया। श्रुतपञ्चमी के अवसर पर ६ जून को मालपुरा (राजस्थान) तथा एन०सी०आर०टी० के महावीर सम्बन्धी पाठ्यक्रम पर हस्तिनापुर में ११ जून को आयोजित संगोष्ठियों में संस्थान के निदेशक व्यस्ततावश भाग नहीं ले सके। हस्तिनापुर संगोष्ठी में उन्होंने तीर्थकर महावीर और जैनधर्म नामक निबन्ध आयोजकों के पास विचारार्थ भेज दिया जिसमें एन०सी०आर०टी० द्वारा प्रकाशित आलेख का सप्रमाण खण्डन है। आठ जून को संस्थान के निदेशक डॉ०जैन ने सारनाथ में होने वाले बौद्ध कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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