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पी-एच्०डी० उपाधि प्राप्त
आचार्य विमलसूरिकृत पउमचरियं का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन नामक शोधप्रबन्ध पर श्री सुरेन्द्रकुमार जैन को जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर-मध्यप्रदेश द्वारा पी-एच्०डी० की उपाधि प्रदान की गयी । यह शोधकार्य डॉ० लक्ष्मी शुक्ला के निर्देशन में पूर्ण किया गया।
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पुरस्कार
प्राचीन पाण्डुलिपियों के सर्वेक्षण, संकलन व संरक्षण तथा सूचीकरण एवं सुरक्षा के लिये किये जा रहे उत्कृष्ट कार्य के लिये अनेकान्त ज्ञानपीठ, बीना- मध्यप्रदेश को श्री सत्श्रुत प्रभावना ट्रस्ट, भावनगर द्वारा पूज्य शशिभाई स्मृति जिनवाणी संरक्षण पुरस्कार - १९९९ प्रदान करने की घोषणा की गयी है।
भगवान् महावीर फाउन्डेशन, चेन्नई द्वारा वर्ष २००० का महावीर पुरस्कार अहिंसा व शाकाहार के प्रचार के लिये डॉ० कल्याण मोतीलाल, पुणे (महाराष्ट्र) तथा शिक्षा एवं चिकित्सा के लिए कैन्सर अस्पताल, चेन्नई और पूर्वोत्तर भारत में स्थित त्रिपुरा राज्य के अगरतला में लोक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु श्रीमती अनुरुपमा मुखर्जी को प्रदान करने की घोषणा की गयी है । पुरस्कार प्राप्तकर्ता व्यक्ति या संस्थान को ५ लाख रुपये नकद, प्रशस्तिपत्र, प्रतीक चिन्ह, श्रीफल आदि से सम्मानित किया जाता है।
अहिंसा इण्टरनेशनल के वर्ष १९९९ के पुरस्कार घोषित किये गये हैं जिसके अनुसार डॉ० के० आर० चन्द्रा को अहिंसा इण्टरनेशनल डिप्टीमल आदीश्वरलाल जैन साहित्य पुरस्कार; सुश्री डॉ० अर्चना जैन को भगवानदास शोभालाल जैन पुरस्कार, कुमारी रश्मि शर्मा को रघुवीरसिंह जैन जीवरक्षा पुरस्कार एवं डॉ० अनुपम जैन को प्रेमचन्द जैन पत्रकारिता पुरस्कार के लिये चयनित किया गया है।
श्री गणेश प्रसाद वर्णी स्मृति साहित्य पुरस्कार
श्री स्याद्वाद महाविद्यालय, भदैनी, वाराणसी की ओर से अपने संस्थापक पूज्य गणेश प्रसाद वर्णी की स्मृति में वर्ष २००० के पुरस्कार के लिये जैन धर्म, दर्शन, सिद्धान्त, साहित्य, समाज, संस्कृति, भाषा एवं इतिहास विषयक मौलिक, सृजनात्मक और अनुसंधानात्मक शास्त्रीय परम्परायुक्त कृति पर पुरस्कारार्थ ४ प्रतियाँ दिसम्बर २००० तक आमन्त्रित हैं। इस पुरस्कार में ५००१/- रुपया नकद तथा प्रशस्ति-पत्र दिया जायेगा। १९९७ के बाद की प्रकाशित पुस्तकें भी इसमें सम्मिलित की जा सकती
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