Book Title: Sramana 2000 01
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 193
________________ १८४ का चयन उनके उत्कृष्ट निबन्धों के लिए किया गया प्रथम वर्ग 'अ' (A) कुमारी नूतन एस० बाफना, धूलिया (महाराष्ट्र) प्रथम पुरस्कार २. कुमारी दीप्ति जैन पिराका, सीकर (राजस्थान) द्वितीय पुरस्कार श्री नीलेश कुमार सोनगरा, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान ) तृतीय पुरस्कार ३. द्वितीय वर्ग 'ब' (B) कुमारी अर्चना श्रीवास्तव, वाराणसी ( उ०प्र०) प्रथम पुरस्कार श्री जेठमल चौरड़िया, कवर्धा ( म०प्र०) द्वितीय पुरस्कार श्रीमती उषा नाहर, अजमेर (राजस्थान) तृतीय पुरस्कार इन सभी पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार की आवण्टित राशि एवं प्रमाणपत्र, पार्श्वनाथ विद्यापीठ द्वारा १७-१८ सितम्बर, २००० को आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रदान किये जायेंगे । १. २. ३. - पार्श्वनाथ विद्यापीठ अपनी स्थापना के समय (१९३७ ई०) से ही जैनधर्म-दर्शन के प्रचार-प्रसार तथा गुणात्मक शोध की दिशा में सतत् सन्नद्ध है। शोध के नित नये आयामों को अंजाम देता यह संस्थान वर्ष २००० में भी एक निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन करने जा रहा है जिसकी सूचना यथासमय प्रेषित की जायेगी । प्रोत्साहनस्वरूप सभी विजेता प्रतियोगियों के निबन्धों को सधन्यवाद 'श्रमण' के इस अंक में क्रोडपत्र के रूप में अलग प्रकाशित किया जा रहा है। यह कहते हुए हमें प्रसन्नता हो रही है कि समूची निबन्ध प्रतियोगिता में हमारे संस्थान के मन्त्री माननीय श्री भूपेन्द्रनाथ जी जैन एवं संयुक्त मन्त्री श्री इन्द्रभूति बरड़ का विशेष प्रोत्साहन रहा जिनके सक्रिय सहयोग से यह कार्य सफल हो सका। अन्त में हम सभी प्रतियोगियों के प्रति लाला हरजसराय जैन चैरिटेबुल ट्रस्ट और पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से आभार व्यक्त करना चाहेंगे जिन्होंने हमारे इस ज्ञान-यज्ञ में भाग लेकर हमें अनुग्रहीत किया है। 'श्रमण' के आगामी अंक में आगे होने वाली निबन्ध प्रतियोगिता के लिए चयनित विषय की सूचना यथासमय दी जायेगी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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