Book Title: Shrenika Charitra
Author(s): Shubhachandra Acharya, Dharmchand Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
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श्रेणिक पुराणम्
एवं अफल देने की शक्ति मौजद है। जीवों को शुभ भाग्य के उदय से परमोत्तम सुख मिलते हैं।
और दुर्भाग्य के उदय से उन्हें दुःखों का सामना करना पड़ता है। नरकादि गतियों में जाना पड़ता है॥११६-१२१।।
इति श्रेणिक भवानुबद्ध भविष्यत्पद्मनाभपुराणे भट्टारक श्री शुभचन्द्राचार्य विरचिते
चेलना श्रेणिक विवाहवर्णनं अष्टमः सर्गः ॥६॥
इस प्रकार भविष्यकाल में होनेवाले तीर्थकर पदमनाभ के जीव
महाराज श्रेणिक के चरित्र में भट्रारक श्री शुभचन्द्राचार्य विरचित चेलना के साथ विवाह-वर्णन करनेवाला अष्टम सर्ग
समाप्त हुआ।
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