Book Title: Shataka Trayadi Subhashit Sangraha
Author(s): Bhartuhari, Dharmanand Kosambi
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

View full book text
Previous | Next

Page 148
________________ शृङ्गारलोकाः । द्रष्टव्येषु किमुत्तमं मृगदृशः प्रेमप्रसन्नं मुखं प्रातव्येष्वपि किं तदास्यपवनः श्राव्येषु किं तद्वचः । किं खाद्येषु तदोष्ठपल्लवरसः स्पर्शेषु किं तत्तनुर् ध्येयं किं नवयौवने सुहृदयः सर्वत्र तद्विभ्रमाः ॥ १०७ ॥ नो सत्येन मृगाङ्क एष वदनीभूतो न चेन्दीवर ~ द्वंद्वं लोचनतां गतं न कनकैरप्यङ्गयष्टिः कृता । किं त्वेवं कविभिः प्रतारितमनास् तत्त्वं विजानन्नपि वड्यांसास्थिमयं वपुर्मृगदृशां मत्वा जनः सेवते ॥ १०८ ॥ जात्यन्धाय च दुर्मुखाय च जराजीर्णाखिलाङ्गाय च ग्रामीणाय च दुःकुलाय च गलत्कुष्ठाभिभूताय च । N 107 ) B1 Est It Wet. st. at Y1. 3 दृष्टव्येषु ; Jit द्रुष्टव्येषु CF3-5 W Y3 मृगदृशां (for दृश: ). 8 ) D XY1 M+ . 5 घ्रातव्येषु च ; G1 corrupt; Ms धूतं वेष्वपि [sic ]. F's च तस्य पवनः; W1 T3 तदास्यपवनं; Y: तदास्यकमलं. Ao C Eo - 2 F1 It J1 Y1 श्रव्येषु. Jat तद्वपुः; M3 तद्वयः (for तद्वचः ). . * ) B1 किं श्वाद्येषु; Es किं स्वादेषु; W किं खाद्येषु ; XY1G4 आस्वाद्येषु ; Y2. 3. 5.1 G8.8 कः स्वाद्येषु. B1 तदोष ; Yr यदोष्ठ. B1 CD F8-5 HJ S ( except W ) स्पृ ( Y3 प ) श्येषु ( for स्पर्शेषु ). B1 D Eat J2 S ( except W X ) तद्वपुर. d) Rs. किं ध्येयं ( by transp.). DF J2 S ( except G2. 3 ) नवयौवनं A3 B C Eo.s (and E com.) F Y1 ( printed text ). 2. 4-6. 8 T G2 - 5 M1. 2. 5 सहृदयैः; D मृगदृशां; J स्वहृदये; Y: किमपरं ; G1 M3 च हृदये; M+ सहृदये (for सुहृदयैः ) C Eo. 1.5 ( and Ee ) Fat.v.3.5 J1 W X Y 1.8-08 Go - विभ्रमः ; G1 विभ्रमं (for विभ्रमाः ). B1 सर्वत्र तैर्विभ्रमः ; M1. 6 स्त्रीणां विलासान्वितं ( for सर्वत्र तद्विभ्रमाः ). ―― કર BIS. 2999 (1265) Bhartṛ. ed. Bohl. 1. 7. Haeb. 8. Prasangabh. 14. SRB. p. 252.55; SRK. p. 271. 12 ( Bh.) ; SHV. app. II. f. 2. 4 (Bh.) ; Sabhyālankaraņa f. 2a; SL.. f. 7a; SLP. 4. 89 ( Bh. ). 108 " ) B2 नो सत्येष; C नो मन्ये न; Eot. 2 Wat M3 नासत्येन; W2. 4 नासत्येव; W3 नासत्वे च; Wcom. सत्यत्वे न; Y3 नो सत्येव ; G नो सत्येषु (for नो सत्येन ). W शशांक (for मृगाङ्क ). Ba एक; E2-4 F3 H I W2-4 Y14 G 2. 30.4 एव (for एष ). C वदने भूते; W1 वदनान्भूतो. D Est F5 चेंदीवरं. " ) F5 W द्वंद्वे. Y3 लोचनता- Fs W गते ( for गर्त ). CHच; G1 om. ( for न ). Y3 कुसुमैर् (for कनकैर् ). F3 रम्यांगयष्टिः ; J1Y8 अप्यंगयष्टी - ; G+ अस्यांगयष्टि: F2 स्मृता; W2 कृताः (for कृता ). C) C नेयं; I Yr त्वेकं ; J1 तेवं; Y3 त्वैवं (for त्वेवं ). Eit (t.v. as in text ) प्रतारितमृतास्; J1 प्रसारितमनास्; Y1 प्रतारितमतस्; 1 प्रतारिरगुणं. X न- (for वि-). 4 ) B C D Eat F3.5 H I J S मंदो; Eot at F1. 2. + अंधो (for मत्वा ). Tः सेव्यते ( for सेवते ). -- BIS. 3838 (1654) Bhartṛ. ed. Bohl. and lith. ed. III. 1. 77. Haeb. 80. lith. ed. II. 32 ; SLP. 4. 76 (Bh. ). Jain Education International 109 ) G+ दुष्कुलाय; Ms दुर्बलाय (for दुर्मुखाय ). Fs Gst कीर्णा (for जीर्णा ). -- ' ) Fs ग्रामीणाय: YA. 8 ग्रामीण्याय: G1 ग्रामिण्याय. CDF1-8YTG1-8.3 M1-2 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346