Book Title: Shataka Trayadi Subhashit Sangraha
Author(s): Bhartuhari, Dharmanand Kosambi
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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संशयितश्लोकाः। विरहेऽपि संगमः खलु परस्परं संगतं मनो येषाम् । . हृदयमपि विघटितं संगमेऽपि विरहं विशेषयति ॥ ३२८ ॥ विवेकव्याकोशे विकसति शमे शाम्यति तृषा ___ परिष्वङ्गे तुङ्गे प्रसरतितरां सा परिणतिः । जराजीणैश्वर्यग्रसनगहनाक्षेपकृपणः
कृपापात्रं यस्यां भवति मरुतामप्यधिपतिः ॥ ३२९ ॥ विश्वामित्रपराशरप्रभृतयो वाताम्बुपर्णाशनास्
तेऽपि स्त्रीमुखपङ्कजं सुललितं दृष्ट्रव मोहं गताः ।
328 18} Om. in W, Mysore 582, Adyar XXII-B-10, and Sxngeri 309. - ) Ba D E1 (by corr.) F Hit. 2.XY1-5. J2 G3. 4 विरहोपि. D संगमाः; E3 Ms संगम. M3 विरहिणः प्रहिणोति संगम खल.--") F2 J2t Y3 G1 परस्पर-: Ms परस्परं). Fs न संगतं; Ms -संगत- (for-संगतं). Eat.st FY Gl M3मनो न येषां. -") A हृदये विघटिते; B2 हृदयेथ विघटिते; C D Eet Fi Ic G हृदयमति विघटि(C हितं; E3.4 अपि हृदयं विघटि( Ese °हितं; F1 हृदयमनु विघट्टित-; F5 हृदयमपि चेद्विघटितं; H अतिविघटितं हि हृदयं J1 हृदयमघटितं च मे;XY1 हृदयमसंगतमेषांY3-5.8 TIA.2.3 Gi हृदयमपि (Ys 'मधि-विघटितं चेत् ; Y TIB हृदयं विघट्टितं चेत्; Y: हृदयमिति विघटितं; Ga हृदयेपि घटते; G3 हृदयेपि विघटिते; G5 हृदये विघटिते सति; M1 हृदयमपि घट्टितं; M: हदयमविघहितं; Ms हृदयमपि विघट्टितं; M1.5 न घटयति येषां हृदयं. --4) A3 B2C D F.S JIK1Y. Ga.3 संगमोपि: Eot संगमः; Eoc X: संगमो; Eat संगतेपि; E सत्संग: Jमे सगम: Y1.4-6.3 TG संगो; Y3 संगात्; Gतत्संगो; M1 तत्संगाद'; M तत्संगे: MB संगमे। Ms. 5 संगे (for संगमेऽपि). J2 Ys विरहो. C T3 विशेषयते; X1 विशेषयंति; M3 विशेषतः. . BIS. 6177 (5019) Bhartr. lith. ed. II. 1.80 ; SLP. 5. 16 (Bh.). . - 329 v} Found in A D E, F1 (V19) F (V18) [Also GVS 2387. V213 BORI 329, Punjab 2101 and Jodhpur 3 V18; BORI 328 V20; BU V223 NSI v233; NS2 VI5 (14); NS3 V106 (extra). -'a) E3.4 विवेके (for विवेक-). F. -ज्याकोचे. Eo.2.5 विदधति; Eom.v. विकशति (for विकसति). F1.4 शनैः (for शमे).
- ) D -जीर्णैरंगैर (for -जीर्णेश्वर्य-). Est -क्षपणः. - ") F1 महताम: F स महता (for मरुताम).
SRB. p. 77. 47.
330 18} Found in E2 (5100 = 111, extra); F3 (52), J; s [Also GVS 238732; BORI326 S101; ISM Kalamkar 195 51033; Punjab2101 N102 (103); Punjab2885 881 (75); Ujjain 6414 5105; NS3 S106 (107, extra)]. Ya folio missing.-4) Ea Wa.st. 4 ये चांबु-(for वाताम्बु-). E2W-पत्राशनास: JX.G1 Mi.. पर्णाशिनसू. - 6) M3.4 दिव्य- (for तेऽपि). E2 Y8. दृष्ट्वा च; Fs G3 M4 दृष्ट्वा वि-J Ga.. Ms. पृष्ट्वापि; Ys दृष्ट्वातु (for दृष्ट्वैव). X1 संमोहिता.. - ") E2 आहारं (for शाल्यनं). W:-4 घृतसंयुतं दधिपयो; Y1.5 सुघृतं पयोदधियुतं; M5 सगुळं पयोदधियुतं. Ji ते भुंजते;J YIRd. 4-6. TG2-5 Mi. 2.5 ये(G2 हे) भुंजते (for भुञ्जन्ति ये). - ) E2 कथमहो; Wo बत भवेत् (for यदि भवेद् ). 22 दंभः समालोक्यतां; W Y1 विंध्यस्तरेत्सागरं( W: रे).
१७ भ. सु.
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