Book Title: Shataka Trayadi Subhashit Sangraha
Author(s): Bhartuhari, Dharmanand Kosambi
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 270
________________ संकीर्णश्लोकाः । अन्ये प्रोपीनस्तन कलश भराक्रान्तकायां दिनान्ते कान्तामालिश्य कण्ठे मृदुतलशयने शेरते तेऽपि धन्याः ॥ ५४२ ॥ धर्मः प्रज्वलितस् तपः प्रचलितं सत्यं च दूरे गतं पृथ्वी मन्दफला नृपाश् च कुटिलाः शस्त्रापि [ 'यु ? ]धा ब्राह्मणाः । लोकाः स्त्रीषु रताः स्त्रियोऽपि चपला लौल्यं गतास तापसाः' साधुः सीदति दुर्जनः प्रभवति प्रायः प्रविष्टे कलौ ॥ ५४३ ॥ धर्मार्थकाममोक्षाणां यस्यैकोऽपि न विद्यते । अजागलस्तनस्येव तस्य जन्म निरर्थकम् ॥ ५४४ ॥ घातस् तात तवैव दूषणमिदं यत् सापि कस्तूरिका कान्तारान्तरचारिणोऽस्य पृषतो नाभौ कृता मृत्यवे । यद्येनां पिशुनस्य यस्य रसनाकन्देऽकरिष्यत्त [स्त ] दा क्लेशो नास्य वधोsभविष्यदनिशं संतापकर्तुं [र्तुः ] सतः ॥ ५४५ ॥ धातस्तात विरुद्धोऽपि द्वितयं मा कृथा नृणाम् । भृत्यत्रम विवेकज्ञे स्नेहमन्यरते जने ।। ५४६ ॥ धिक् किं जीवितमापदेकनिलयं पित्राप्तबन्धूज्झितं दीनानाथजनोपकारकरणव्यापारदूरीकृतम् । मन्दीभूतशशाङ्कशेखरपदद्वंद्वार विन्दस्मृतिं व्यालोलायतलोचनास्तनतटप्रश्लेष विश्लेषितम् ॥ ५४७ ॥ 8553 8101; HU1381 $19; HU2144 $97 (99); Meh $104; Bik3279 $102 (103); Bik3280 $105; GVS2387 V48 and BVB5 V102 (extra). # ) ते धन्या ये विरागा... संसारसंगा. (b) नगवन गहने. * ) येपि. d) गाढं ( for कण्ठे ). 3085 (1313) Bhartṛ, ed. Bohl. extra25; JSV.306. 2. BIS. - १६५ 543 HU2145 N49 (36). - BIS. 3092. Vet. in LA. (III) 30. Subhash. 58; SRB. p. 99. 25; SBH. 3076 (var.); SRK. p. 64. 6 (Sphutaśloka). - 544 GVS734 N96. BIS. 3120 (1318). Vṛddhacana. p. 20, 13. 10. Hit. ed. Schl. pr. 25. Johns. 26. Galan. Varr, 195; SRB. p. 159. 255. 545 Bik3276 N extra f. 11b top marg. - BIS. 3140 (only ab) Subhash. 229 ; SRB. p. 61. 265 (var.) ; SRK. p. 23.13 (var.). 546 BORI329. N64 (59); Pun2101 N63 (64). - 3 ) द्वितया मा कृथा वृथा. (*) सत्यत्वम् ; Pun697 N63; NSI N63 ( 64 ) ; Bik3279 N57; Bik3280 176. JSV. 168.1. Jain Education International 547 D V129; F1.2 V106; BORI329 V98; Pun2101 V98; NS2 V101 (99); SVP159 V extra 13; Pun2127 V130; Meh V150; Bik3379 V135 (31); Bik3278 and 3281 V127; BORI328 V138 ( 131 ). For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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