Book Title: Shataka Trayadi Subhashit Sangraha
Author(s): Bhartuhari, Dharmanand Kosambi
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 271
________________ १६६ भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे धिगू धिक् तान् क्रिमिनिर्विशेषवपुषः स्फूर्जन्महासिद्धयो .. निष्पन्दीकृतशान्तयोऽपि च तमःकारागृहेष्वासते । तं विद्वांसमिह स्तुमः करपुटीभिक्षाल्पशाकेऽपि वा । - बालावक्रसरोजिनीमधुनि वा यस्याविशेषो रसः ॥ ५४८॥ धीरध्वनिभिरलं ते नीरद मयि मासिको गर्भः। उन्मदवारणबुद्ध्या मध्येजठरं समुच्छलति ॥ ५४९ ॥ धैर्य यस्य पिता क्षमा च जननी क्षान्तिः प्रिया गहिनी सत्यं मित्रमिदं दया च भगिनी भ्राता मनःसंयमः। शय्या भूमितलं दिशोऽपि वसनं ज्ञानाम॑तं भोजनं ह्येते यस्य कुटुम्बकं मम सखे कस्माद् भयं योगिनः ॥ ५५० ॥ न कुर्यात् पापपुत्रीयं न कुर्याद् वरगोत्रिणी। . .. न कुर्याद विधवा नारी गर्भस्रावी च दुर्मुखी ॥ ५५१ ।। न कुर्यादभिचारोग्रवश्यादिकुहकक्रियाम् । लक्ष्मणेनेन्द्रजित् कृत्याभिचारसमये हतः ॥ ५५२ ॥ , न तादृक् कर्पूरे न च मलयजे नो मृगमदे फले वा पुष्पे वा तव भवति यादृक् परिमलः । परं त्वेको दोषस् खयि खलु रसाले यदुचितं पिके वा काके वा लघुगुरुविचारो न हि कृतः ॥ ५५३ ॥ .. 548 - BIS. 3153 (4265) Santis. 4. 10. Haeb. p. 426. Satakāv, 37. Nitisamk.85. Kavyakal. RKB. fol. 39a (Bh.); SRB. p.371.112%3D SDK.5.67. .2 (p. 331, Ballana). __549 BU104/7 N103: - IRB. p. 212. 18; SK. 3. 199; Pr. 10. 263 .. Padyavenf 711 (Jagannatha.). 550. D V133; F3. V107. -- ) दिशोऽथ वसनं. -- 1) यस्यैतेपि; Ya v x-11.. -) शान्तिः प्रिया. -') तपःसंगमः; M1. 3-5 V X-11 (10). - 4) Ms शान्तिः स्थिरा; "M: शान्तिश्चिरं. -') Mi यथा (for दया). M1.5 तप-संगमः; Ms मनःसंशयः. -) Ms. 4 भूमितटी. -4) M1 एते (for ह्येते). Mi.: तस्माद्वयं; BORI328 V143 (135). .--.), धर्मे मतिर्मोहिनी (for शान्तिः प्रिया गहिनी). -4) वद (for मम). RASB G. 9475 V X-10. -4)शान्तिश्चिरं.-.) एते सन्ति (for ोते यस्य); Meh S112.and.V1323 Bik3279 V139 (35) शौर्य यस्य: HU2133 V102. - BIS. 3169 (1339). Santis. 4. 9. in Haeb. 436. Nitisamk. 84. Subhash.7.973 SRB. p. 370.1033; SRK. p.38. 14 (ST.); SN. 18; SSV. 18; JS. 10. 551 HU2845 N7 (2) ____552 - Ep. 1526 (Ksemendra); SRB. p. 155. 80 (Bh.). 558. Xe extral. - Sp. 1016 ; SRB. p. 240. 119; SRK. p. 208.1 (5p.); VS.286%: SK,3.2573 PT. 10.743 PMT. 2293SG. f. 25a.. . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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