Book Title: Shataka Trayadi Subhashit Sangraha
Author(s): Bhartuhari, Dharmanand Kosambi
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 244
________________ संकीर्णश्लोकाः । अधरामृतेन पित्तं नश्यति वायुः पयोधरयुगेन । अनवरतरतेन कफं त्रिदोषशमनं वपुर्नार्याः ॥ ३६२ ॥ अधीत्य सकलं श्रुतं चिरमपास्य घोरं तपो यदिच्छसि फलं तयोरह हि लाभपूजादिकम् । छिनत्सितरुपल्लवप्रसरमेव शून्याशयः कथं समुपलिप्सते सुरसमस्य पक्कं फलम् ।। ३६३ ॥ अध्यात्मन्यवधीयतां भवरसे वैराग्यमानीयतां विद्वद्भ्यः समधीयतां सुरसरितीरे सदा स्थीयताम् । भिक्षार्थ व्यवसीयतामनुदिनं सत्कर्म संचीयतां विष्णुश्चेतसि धीयतां परतरे ब्रह्मण्यथो लीयताम् ॥ ३६४ ॥ अनन्तविभवभ्रष्टा दौर्भाग्यपरितापिनी । शोच्यति प्राप्य जीवत्वं भर्तृहीनेव नायिका || ३६५ ॥ अनर्थमकरामारादस्मात् संसारसागरात् । उड्डीयते निरुद्वेगं सर्वत्यागेन पुत्रक ।। ३६६ ॥ अनल्पं जल्पन्तः कति बत गता नो यमपुरं पुरस्तादस्माकं विधृतवदना व्याप्तनयनाः । अतीता यद्येवं न हि निजहितं चेतसि वयं वहामो हा मोहाद् विषयविषजातोदनशिनः (१) ॥ ३६७ ॥ - 4) 362 F2 $100. - " ) पीतं. - " ) नश्यति ते पयोधराल्लोके. d) अनवरताश्लेषेण न च कम्पत्रिदोषं शमनीयति पथ्या ।; BORI 331 $105 ( 107 ); GVS2387 $101. अधररसपानेन पित्तं. १) नश्यति वातं पयोधरस्पर्शात्. (d) तस्या: ( for नार्याः ). BVB5 $104. ०) शमयति वातं (for नश्यति वायुः ). ९) अविरलसुरतेन. d) खीणां (for नार्याः ); Nag108799 (100). - SBH. 2340; SHV. App. II (f. 2a) 13; SLP. 363 BOR1328 $103. ( ) छिन्नसि स्रुतयस्तरो ; BU S104. चिरमुपास्य. 1 ) तयोरिह हि. 4) छिनासि... शून्याशया. (d) लिप्स्यसे; Bik 3279 893 (95); Bik 3280 $96. 2. 20. a) - - Jain Education International — -- — 364 HU468 V113; Ujj6414 V109 (110). BIS. 3328 (1412) Bhartr. in Schiefner and Weber. p. 26. Sāntiśataka 3. 11. in Haeb. 422. Satakāv. 32, Nitisamk. 75 ; SDK. 5. 68.2 ( p.322, Bh.). .d) मोहाद्विषयजावाद - 365 ISM Gore144 V176. 366 ISM Gore144 V183. 367CV45 - 1 ) विष्टतनयनाः व्यात्तवदना. .. ) प्रतीता. DV96. वसिताः; . ३) व्यात्तनयनाः. - " ) प्रतीना [ ता ? ] येप्येवं. (d) महामोहादस्माद्विषय ; BOR1328 V100 (98); IO 11516 V47; HU1387 V98; HU1376 V44; Bik 3279 V101 (98); Bik 3280 V99 (100). — • १३९ For Private & Personal Use Only - 1 www.jainelibrary.org

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