Book Title: Shataka Trayadi Subhashit Sangraha
Author(s): Bhartuhari, Dharmanand Kosambi
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 184
________________ वैराग्यश्लोकाः। आघ्रातं मरणेन जन्म जरया यात्युज्वलं यौवनं संतोषो धनलिप्सया शमसुखं प्रौढाङ्गनाविभ्रमैः । लोकैर्मत्सरिभिर्गुणा वनभुवो व्यालैर्नृपा दुर्जर अस्थैर्येण विभूतिरप्यपहता ग्रस्तं न कि केन वा ॥ १९७ ॥ आधिव्याधिशतैर्वयस्यतितरामारोग्यमुन्मूल्यते लक्ष्मीर्यत्र पतत्रिवच् च विवृतद्वारा इव व्यापदः । जातं जातमवश्यमाशु विवंशं मृत्युः करोल्यात्मसात् तत् किं नाम निरङ्कुशेन विधिना यन् निर्मितं सुस्थिरम् ॥ १९८ ॥ NAMAAN AMAVNA ___197* Om. in Hi and NS1. - १) C D S (except 2.8) आक्रांतं. Wi..! Y1.2. 4-8. S T (12. 3. जरसा ( for जरया). B कात्युज्वलं; B Lo.s-5 F2. H I J V1 [अ]प्यत्युअवलं; CE विद्युञ्चलं; F1 J1.9 प्रत्युजवलं; F5 प्रत्युद्गतं; Y2-6. T G2. 3c. 4 M1. 2. 4. 6 चायुज्वलं; W2. यात्युत्तमं; W3 यात्युन्नतं; Yr Cat (orig.) जात्युज्वलं; G1 जात्युत्पलं ; Ma जात्युज्वलाद् (for यात्युज्वलं found only in D X Yi Cst). Ms येन वा. -- ") Jat धननिप्सया;x. जनलिप्सया; Ys जनविप्सया; Y7 धनवीप्सया. Js [आश्रमसुखं.-") Eot Hit. 3 JX Y1.3 लोके. x. मात्सरिभिर. BF3-5 J गुणास्तु पवनो; Ys G2.3 गुणाश्च पवनो; G1 M1 गुणा धनभुवो. Eat F2. नृपो. - 1) B C F's. विभूतिरप्युपहता; E तिर्जगत्यपहृता; J3 विभूतिरप्युपहता; W X Y T G4.6 MH.5 विभूतयोप्यु(Y2 by corr. °प्य)पहता; G1 विभूतयोप्युपहतो; MI-8 विभूतयोप्य(M यो व्य)पहृता. Eo.s-5 के जनाः; Fs केन मां; M4. 5 तेन वा (for केन वा). F2 आश्चर्येण धृतिर्जगत्युपहतं स्पृष्टं न केनापि किं. BIS. 855. (311) Bhartr. ed. Bohl. 3. 33. Haeb. and Galan 29. lith. ed. I. 30, II. 9235 SRB. p. 373. 1833; SRH. 181.56 (Pratapārudriya); SRK. p. 92.2 (Bh.); SSD. 4. f. 18b. 198* Om. or missing in Ji. Om. in NS1. 2. Csubstitutes for second half of this stanza cil of st. 293. - ") B Eat F2, 1,5 H IC J2.3 W Y TG M ER विविधैर: C F3 X नरस्य विविधैर; वयस्य नितरां [which may have been original. E comसिरी1D Eat. s.It Jat Y: Get उन्मील्यते.-') BC D Eat F2.4. HIJ.. पतंति तत्र (for पतत्रिवञ्च). F2.5 G1 विविध ; F4 वि**-; T3 विवित-; M विविधा (for विवृत-). G1 [-आ]चारा; M चोरा. F1Y7 इव व्याधयः; W इव प्रापदः; X इवासंपदः; Y2.3 M3-5 इव ह्यापदः. -°) F2 यातं यातम् ; M2 जाताजातम्. E5 अपश्यम्; X अवश्य: G! M1.2 अजातम् (for अवश्यम् ). F2 आधिविवशं; F3 आशुदिवस; X -भूतविवशं.-4) B तरिक येन: Jsयरिक नाम: V1.2.4 YE G1. 2. 80. M तस्कि केन: Wsx Y1.4-8.8 TM तत्कि तेन: Yकिं नामाध% Gst तत्केनापि (for तनिक नाम). Aot. Eot. 2t. se. 5 F1. 3. 5 H Ic Ye G2.8.3 सुस्थितं; F. निश्चलं; F स्वस्थितं ( for सुस्थिरम् ). ___BIS. 945 (349) Bhartr. ed. Bohl. 3. 34. Haeb. and Galan 30. lith. ed. I.31, II. 93.Satakāv.99%; SRB. p. 373.1843; SRK. p. 93.3 (Bh.); SSD.4.f.18b. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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