Book Title: Sattavihanam
Author(s): Virshekharsuri
Publisher: Bharatiya Prachyatattva Prakashan Samiti

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Page 12
________________ प्रकाशकीय निवेदन परिश्रम के फलस्वरूप ही हम इस ग्रन्थरत्न को पाठकों के करकमलों में समर्पित करने में सक्षम रहे हैं। मुद्रण करने में संस्था के निजी ज्ञानोदय प्रिन्टिग प्रेस के मेनेजर श्रीयुत शंकरदास एवं उनके अन्य कर्मचारीगण भी धन्यवाद के पात्र हैं। इसके अतिरिक्त जिस किसी ने भी जिस किसी भी तरह से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से ग्रन्थ प्रकाशन में सहायता की हो, उन सभी महानुभावों के प्रति हम अपना हार्दिक आभार प्रदर्शित करते है। द्रव्यसहायक:-श्रीवलसाड जैन श्वेताम्बर महावीरस्वामी भगवान पेढोने श्रुतभक्तिसे अनुप्रेरित एवं अनुप्राणित होकर इस ग्रन्थरत्न के मुद्रण में अपनी ज्ञान द्रव्यराशि के सम्यक सहयोग से यथोचित योगदान किया है, अतः हम इनके प्रति ऋणी एवं आभारी हैं । नजदीक भविष्य में और प्रकाशन की आशा में भवदीय(i) पिंडवाडा शा.समरथमल रायचन्दजी (मंत्री) स्टे. सिरोहीरोड (राजस्थान) (ii) १३५/१३७ जौहरो बाजार शा.लालचन्द छगनलालजी (मंत्री) बम्बई-२ भारतीय-प्राच्य तत्व प्रकाशन समिति

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