Book Title: Sattavihanam
Author(s): Virshekharsuri
Publisher: Bharatiya Prachyatattva Prakashan Samiti
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मूलगाथाद्यांशाः]
प्रथमं परिशिष्टम्
[१३
६२४
गाथाद्यांशाः गाथाङ्काः गाथाद्यांशाः गाथाङ्काः सेसाणं जेठिई, २९९ सेसेगप्रसत्ताए, सेसाण परदुगव्व उ, ६२९ सेसेगप्रसंते खलु ६८१ सेसाण पचसु वि साइ० २६० सेसेगमोहसंते,
५४७ सेसाण पुमन्व गवार, ५६५ सेसेसुणिरयेसु ६९२ सेसारण पुमन्य णवरि, ५५८ सोलसगथोणगिद्धिय० ७७१ सेसाण पुमन्व णवरि, ५६० सोलसथोणद्धितिगाइ० ७६६ सेसारण मुत्ततो, २६६ सोलसथीणद्धितिगाइ. ७८१ सेसाण मुहत्तंतो, ३६० सोलसथोद्धितिगा० ७८३ सेसाण मुहत्ततो, २६५ सोलसथीद्धियतिग० सेसाण लहुठिई पर० २६३ सेसाण लहू समयो, २८७ सेसाण लह समयो, ३५१ हवए कायउरलदुग० २१७ सेसाण लहू समयो, ३२१ हवए परतिगसुरदुग सेसाण सम्मसते ४६७ हस्सछगदुवेआणं, ४६२ सेसाण सिआ एगा० ७१५ हस्सछगस्स दुहा खलु, सेसामेव परम० ५८४ होइ असखपरट्टा, २७१ सेसाणोघव्य णवरि, ६०७ होइ जहण्णो समयो, ३३४ सेसाणोघव भवे ५१४ होइ ण देवदुगविउव० ७०४ सेसाणोघव भवे, ५१० होइ गरदुगासते, ७२४ सेसासु मग्गणासु, ४७५ होइ दुहा परिहारे ३८३ सेसिंगसंतम्मि सिमा ५६८ होइ पणमणतिवयचउ. सेसिगसतम्मि सिमा ५९२ होइ लहुणरसुरदुग. ४५१
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