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विषय २७२ ...एकान्तवाद में सुख-दुःख भोगादि की अनुपपत्ति | २८७...सांख्यविशेषमान्यानर्थान्तरभूतपरिणामवादस्य २७३ ...गाथा-१९ का विवरण
निरसनम् २७३ ...एकान्तवाद में कर्मसिद्धान्त की अनुपपत्ति | २८७ ...सांख्यविशेष के अनर्थान्तरभूतपरिणामरूपकार्य २७४ ... मैं बद्ध हूँ' इत्यादि बुद्धि में मिथ्यात्व का निरसन असिद्ध
२८७ ...नैयायिकादिमान्य असत्कार्यवाद का निरसन २७४ ...'मैं वही हूँ' यह प्रतीति मिथ्याविकल्परूप | २८८ ...बौद्धमतेन कारणव्यतिरिक्तं असत् कार्यमित्ये
कान्तस्य भङ्गः २७५ ...गाथा-२० का विवरण
२८८ ...कारण से कार्य का भेद एवं उत्पत्तिपूर्व २७५ ...बन्ध नहीं तो संसार का भय क्यों ? | असत्त्व का निरसन २७६ ...गाथा-२१ का विवरण
२८९ ...असद्रूप निवृत्ति के चतुर्विध विकल्पों की २७६ ...नय मिथ्यादष्टि नय सम्यग्दष्टि कब कैसे ? । समीक्षा २७७ ...प्रत्येक में नहीं है तो समुदाय में कैसे ? | २८९ ...कारणनिवृत्ति के अन्यविध चार विकल्पों की शंका
समीक्षा २७८ ...सम्यक्त्वापादक समुदाय की विशेष व्याख्या | २९० ...कारणनिवृत्ति और कारणस्वरूप के भेद - २७८ ...प्रमाण-नय भेदव्यर्थता शंका का समाधान | अभेद की समीक्षा २७९ ...प्रमाणलोप-आपत्ति का निरसन | २९१ ...कारण और निवृत्ति के आधार-आधेयभाव २७९ ...नयसमुदाय में अर्थदर्शित्व निषेध का निरसन | की असंगति २८० ...गाथा-२२-२५ का विवरण
२९२ ... कारण स्वयं नहीं होता' - यहाँ विकल्पद्वय २८० ...अनेकान्तवाद के समर्थन में रत्नमाला का का असमाधान दृष्टान्त
२९२ ...अभाव के पर्युदास-प्रसज्य विकल्पों की चर्चा २८१ ...पृथग् पृथग् मणियों को 'रत्नावली' बिरुद | २९३ ...प्रसज्याभावात्मकता - दूसरे मूल विकल्प
की आलोचना २८१ ...विशिष्टरचनालंकृत मणियों को रत्नावली | २९५ ...पूर्वपर्यायविनाश-उत्तरपर्यायोत्पाद का एकत्व बिरुद
२९६ ...निरन्वय नाश का सयुक्तिक निरसन २८२ ...प्रत्यक्षसिद्ध भाव के लिये दृष्टान्त की उपयोगिता
२९६ ...निर्हेतुकनाशवत् निर्हेतुक उत्पत्ति का आपादन २८३ ...गाथा-२६ का विवरण
२९७...विनाशहेतु से भाव के अभधन करण का २८३ ...रत्नावली दृष्टान्त प्रदर्शन के विविध हेतु
आपादन २८४ ...गाथा-२७ का विवरण
२९८...क्षणभंगमत में कारण-कार्यभाव असंगत २८५ ...सांख्याभिमतसत्कार्यवादैकान्तनिरसनम्
२९९ ...क्षणिक पदार्थ में कारण-कार्थ भाव अनुपपत्ति २८५ ...सांख्यसम्मत एकान्तसत्कार्यवाद का निरसन
२९९ ...अक्षणिक में अचस्तुत्वार्षत्ति का निरसन २८५ ...मूर्त कारण से मूर्त कार्य का आवरण
३०० ...स्वभावभेद से व्यक्तिभेद आपत्ति का निरसन असंगत
समाधान
नहीं
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