________________
Vol. XLI, 2018
मुसव्विरी के मुकाम और राजस्थान
153
सम्पूर्ण अध्ययन के परिणाम स्वरूप हमारे दृष्टिपटल पर भारतीय मुसव्विरी के क्षेत्र में राजस्थान के मुसव्विरों के मुकाम बेहद महत्वपूर्ण दिखाई देते हैं जिनसे प्रेरित होकर निरन्तर सृजन कार्य गति प्राप्त कर रहा है। सन्दर्भ :
८. श्रीला
१. द्विवेदी, डॉ. प्रेम शंकर : भारतीय चित्रकला के विविध आयाम; कला प्रकाशन, वाराणसी, २००७, पृ. ५ २. श्रोत्रिय, डॉ. शुकदेव : कला विचार; छवि प्रकाशन, मुजफ्फरनगर, उत्तरप्रदेश, पृ. १७ ३. श्रीवास्तव, ए.एल. : भारतीय कला; किताब महल, इलाहाबाद, पृ. ३ ४. वही; पृ. ४ 4. Kuiper, Kathleen : Islamic Art, Literature and Culture; Britanica Educational Publishing, New
Delhi, 2010, Pg. 131 ६. अशोक : ईरान की चित्रकला; ललित कला प्रकाशन, अलीगढ़ उत्तर प्रदेश, पृ. ३३ ७. Kuiper, Kathleen : Islamic Art, Literature and Culture; Britanica Educational Publishing, New
Delhi, 2010, Pg. 131
श्रीवास्तव, डॉ. हरिशंकर : मुगल शासन प्रणाली; वोहरा पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, इलाहाबाद, १९८९, पृ. १ ९. हारून रशीद (जमात-ए-इस्लामी हिन्द के सदस्य) के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार। १०. जोशी, ज्योतिष : कला परम्परा; यश पब्लिकेशन्स, दिल्ली, २०१०, पृ. ३८ ११. वही; ३८ १२. वही; ३८ १३. हाशमी, इजहार आलम : मध्य भारत में इस्लामी कला एवं स्थापत्य, शारदा पब्लिशिंग हाऊस, दिल्ली, २०१२ पृ.१
२१-१२२ शर्मा, डॉ. कालूराम व्यास, डॉ. प्रकाश : मध्यकालीन भारत का राजनैतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास; पंचशील
प्रकाशन, जयपुर, २००४, पृ. २९६ १५. बाघेला, डॉ. हेतसिंह : भारतीय संस्कृति का विकास; रिसर्च पब्लिकेशन्स, जयपुर, नई दिल्ली, पृ. १६८ १६. प्रताप, डॉ. रीता : भारतीय चित्रकला एवं मूर्तिकला का इतिहास; राजस्थान हिन्दी गन्थ अकादमी, जयपुर, २०११,
पृ. १४०-१४३ १७. वही; पृ. १४७ १८. माथुर, कमलेश : हस्तशिल्प कला के विविध आयाम; पंचशील प्रकाशन, जयपुर, १९९७, पृ. १२० १९. Vashistha, R.K. : Art and Artists of Rajasthan; Abinav Publications, New Delhi, 1995, Pg. 68 २०. वही; पृ. ६८-६९ २१. वही; पृ. ८६ २२. अग्रवाल, डॉ. गिर्राज किशोर : कला और कलम; अशोक प्रकाशन मंदिर, अलीगढ़, २०१५, पृ. १५२
१४.