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रीतिका गर्ग
SAMBODHI
की वास्तु व कालीन आदि का चित्रण कांगड़ा की परम्परागत शैली में ही हुआ है जो वातावरण को कोमलता व मधुरता प्रदान कर रहा है ।
इस प्रकार के अनेक चित्र कांगड़ा शैली में निर्मित हुए जो नायिका की भिन्न-भिन्न अवस्थाओं, उसके मनोभावों, दशाओं तथा समयानुसार होने वाले परिवर्तन को उजागर करते हैं यद्यपि नायिका-भेद पर आधारित चित्रण पहाड़ी व राजस्थानी शैली के अनेक ठिकानों पर हुआ परन्तु हम यह कह सकते हैं कि नायिका के हृदय के भावों को जिस प्रकार कांगड़ा शैली के कलाकारों ने दर्शाया है उस प्रकार अन्य स्थानों के कलाकारों को चित्रित करने में वह सफलता प्राप्त नहीं हुई । कांगड़ा की नायिका कोमलता, मधुरता, दृढता व सौम्यता आदि सभी भावों को एकसाथ ग्रहण किये हैं। पतिप्रेम से परिपूर्ण स्वाधीनपतिका नायिका के मुखमण्डल की दीप्ति व गर्व का भाव उसके अन्तरतम के भावों को उजागर करते हैं । इसी प्रकार अभिसारिका नायिका के अपने प्रिय से मिलन को जाते अधीरता आदि के भाव भी उसके मन की व्यथा को व्यक्त करते हैं। सभी नायिकाओं की देहयष्टि व मुखमण्डल तथा हस्तमुद्राओं के माध्यम से कलाकारों ने उनकी अवस्थाओं का अत्यन्त ही लालित्यपूर्ण चित्रण किया है। कांगड़ा के कलाकारों ने सत्य में नायिका के रूप-सौन्दर्य के माध्यम से नायिका-भेद का उत्कृष्ट अंकन कर अपनी कला को इतिहास में अमर कर दिया । सन्दर्भ :
१. वर्मा, डॉ. अविनाश बहादुर, वर्मा अनिल व वर्मा संगीता, भारतीय चित्रकला का इतिहास, प्रकाश बुक डिपो, बरेली,
२०१२, पृ. २३०.
२. गैरोला. वाचस्पति, भारतीय चित्रकला, मित्र प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, इलाहाबाद, १९६३, पृ. १९१.
३. अग्रवाल, डॉ. श्यामबिहारी, भारतीय चित्रकला का इतिहास (मध्यकालीन), रूपशिल्प प्रकाशन, इलाहाबाद, १९९९,
पृ. १५२. ४. गैरोला, वाचस्पति, भारतीय चित्रकला, मित्र प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, इलाहाबाद, १९६३, पृ. १९१.
अग्रवाल, डॉ. श्यामबिहारी, भारतीय चित्रकला का इतिहास (मध्यकालीन), रूपशिल्प प्रकाशन, इलाहाबाद, १९९९,
पृ. १५३. ६. अग्रवाल, डॉ. आर.ए., कला विलास, इंटरनेशनल पब्लिशिंग हाउस, मेरठ, २००३, पृ. १६४. ७. अग्रवाल, डॉ. श्यामबिहारी, भारतीय चित्रकला का इतिहास (मध्यकालीन), रूपशिल्प प्रकाशन, इलाहाबाद, १९९९,
पृ. १५३.
८. अग्रवाल, डॉ. आर.ए., कला विलास, इंटरनेशनल पब्लिशिंग हाउस, मेरठ, २००३, पृ. १६५.
९. अग्रवाल, डॉ. गिरिराज किशोर, कला और कलम, अशोक प्रकाशन मंदिर, अलीगढ़, १९९५, पृ. २४४. १०. अग्रवाल, डॉ. आर. ए., कला विलास, इंटरनेशनल पब्लिशिंग हाउस, मेरठ, २००३, पृ. २३०.