Book Title: Rasarnavsudhakar
Author(s): Jamuna Pathak
Publisher: Chaukhambha Sanskrit Series

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Page 9
________________ [iv] पृष्ठ ३० ३१ ३१ ३४ विषय स्वाधीनपतिका नायिकाओं के उत्तमादि भेद उत्तमा नायिकाएँ मध्यमा नायिकाएँ नीचा नायिकाएँ नायिकाओं की संख्या परकीया नायिका की अवस्थाओं के विषय में कुछ आचार्यों के मत ५४ नायिका की सहायिकाएँ शृङ्गार के उद्दीपन विभाव गुण यौवन प्रथम यौवन द्वितीय यौवन तृतीय यौवन चतुर्थ यौवन د د ک ک विषय नायक के सहायकों के गुण नायिका के भेद स्वकीया स्वकीया नायिका के भेद मुग्धा स्वीया नायिका मध्या स्वकीया नायिका मध्या स्वीया नायिका के भेद धीरा मध्या नायिका अधीरा मध्या नायिका धीरा-अधीरा मध्यानायिका प्रगल्भा (प्रौढ़ा) स्वीया नायिका प्रगल्भा नायिका के भेद धीरा प्रगल्भा नायिका अधीरा प्रगल्भा नायिका धीरा-अधीरा नायिका प्रगल्भा परकीया नायिका के भेद कन्या परोढ़ा सामान्या नायिका सामान्या नायिका के भेद नायिकाओं की आठ अवस्थाएँ प्रोषितपतिका वासकसज्जिका विरहोत्कण्ठिका खण्डिता कलहान्तरिता अभिसारिका कन्याभिसारिका वेश्याभिसारिका प्रेष्याभिसारिका विप्रलब्धा ३६ ३७ ३७ ३८ ३८ ३९ ४० ४० ४१ ४१ ک ک ک ک लावण्य सौन्दर्य अभिरूपता ک ک ४२ ४४ मार्दव ک ४५ ک ک ک ४७ ک सौकुमार्य उत्तम सौकुमार्य मध्यम सौकुमार्य अधम सौकुमार्य अलङ्कति तटस्था अनुभाव चित्तज अनुभाव भाव ک ४७ ४८ ४९ ५० ک ک و و ५० ५१ हाव و

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