Book Title: Prashno Ke Uttar Part 2
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Atmaram Jain Prakashan Samiti

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Page 10
________________ प्रश्नों के उत्तर [द्वितीय खण्ड विषयाणुक्रमणिका सप्त कुव्यसन-परित्याग =दशम अध्याय विषय · पृष्ठ विषय पृष्ठ श्रात्म-गुणघातक दोष ३६३ होने पर भी बुद्धिशाली हैं जुया ३६४ माँसाहार और शक्ति ४०७ मांसाहार । ३६७ अन्न की कमी और मांस ४११ आहार और मन का संबंध ३६७ मत्स्यन्याय प्रकृति-विरुद्ध ४१२ मांसाहार क्यों निषिद्ध है ? ३६८ अण्डा मांसाहार है । ४१५ धर्मशास्त्र और मांसाहार ३७० अण्डा और दुःखानुभूति ४१६ मानवप्रकृति और मांसा. ३७७ अण्डे से जीव नहीं निकलता ४१७ हारः .. . निर्जीव अण्डा ४१५ आर्थिक दृष्टि से मांसाहार ३७९ औषध सामिष भोजन है ४२० स्वास्थ्य और मांसाहार ३८१ शराव ४२५ शाकाहार और मांसाहार ३८४ मदिरा में १६ दोष . . ४३० जीव मरता नहीं फिर पुण्य ३९० वेश्यागमन... .. पाप क्या? शिकार वकरे की रचना... ३९५ चोरी . ...: खाने के लिए . .. परस्त्रीगमन . पाश्चात्य लोग मांसाहारी ३९७ उपसंहार ४३३ ४३९ ४४२ : ४४४. ४४८

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