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४ा (ख) बीजं आ लेख प्रसिद्ध थई पूज्य संवेगी मुनियों, श्रीपूज्य आदि यतिमहाराजो. इतिहासवेत्ताओ. शोधखोल-संशोधको, श्रावको, अने वहिवंचा. तेम
ज वहिवंचा जेवा अन्य पुरुषोना हाथमां आवेथी, नीचे दर्शावेली विगतोनी माहिती, मोडी व्हेली पण अमारा कुटुंबीजनोने या शेठ देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंडना संचालक महाशयोने या म्हने पोताने मळे तो ते संबंधे सप्रमाण सविशेष जाणवा जणाववानुं बनी आवे. विगतोः-(१) मारवाडमां कुटुंबीजनो छे या नहि ! (२) होय तो कया देशमा ? (३) अन्यत्र पण जईने वसेला छे? (४) आम्रगोटला उपरथी कुलदेवता
कया छ ? (५) मारवाडमा बामणवाडा पासे कुलदेवता- स्थान छे? (६) कुलदेवता अंबिकाजी ज छे ? (७) अन्यत्र कुटुंबी जनो होय तो तेओनो धंधो वगेरे शंहशे (0) केटलामी पूर्व पेढी उपर अमारी आ वंशवेल भेगी मळे छे ? (९) मूल कया गामना वतनीयो हता।
तथा (१०) कया रजपूतोमांथी कये समये कया आचार्यादिकना उपदेशथी उद्धार पामी जैनधर्मी थयेला? | इत्यादि जाणवाशोधवानी विमल-बुद्धिथी बाल जीवननी ऊर्मि खातर म्हारा पूर्वपुरूषोना संग्रहीतमाथी आ प्रयत्न म्हें कर्यो छे. उडतालीश वर्षों पूर्वे म्हारा दादा शेठ साफरचंदे कुटुंब संबंधे एक लेख लखी राखेलो छे ते पण बनी शकशे तो योग्य समये प्रसिद्ध कराववा प्रयत्न करीश.
GROSSESSES
मुंबई ता०५ मी फेब्रुआरी, सन १९४१) वि. सं. १९९७ माघ शुक्ल ९ बुधवार ।
विमल जीवणचंद जवेरी
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