Book Title: Prakrit Katha Sahitya Parishilan
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Sanghi Prakashan Jaipur

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Page 9
________________ 37 42 57 अनुक्रम 1. आगम कथा साहित्य 2. कथानक तरह-तरह के 3. कथाओं में सांस्कृतिक धरोहर 4. प्राकृत कथाओं के भेद-प्रभेद 5. आचारांग व्याख्याओं की कथाएँ 6. हरिभद्रसूरि की प्रतीक कथाएँ 7. कथाओं में अहिंसा दृष्टि 8. आरामसोहाकहा (पद्य)- परिचय 9. कथा णेमिणाहचरिउ की 0. प्राकृत साहित्य में बाहुबली कथा 1. पालि-प्राकृत कथाओं के अभिप्राय 2. धर्मपरीक्षा अभिप्राय की परम्परा B. मधुबिन्दु - अभिप्राय का विकास 63 70 83 88 103 108 Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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