Book Title: Prakrit Katha Sahitya Parishilan
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Sanghi Prakashan Jaipur

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Page 8
________________ प्रकाशन-सहयोगी संस्था श्री शिवलाल मोहनलाल टाया चेरिटेबल ट्रस्ट 50, अशोकनगर, टाया भवन, उदयपुर- 313 001 स्थापनाः ___ इस ट्रस्ट की स्थापना 9 अप्रेल 1980 में श्री कन्हैयालाल टाया एवं उनके परिवार ने की थी। शिक्षा, चिकित्सा एवं साहित्य प्रकाशन में सहयोगी यह ट्रस्ट देवस्थान विभाग में रजिस्टर्ड एवं आय हेतु करमुक्त है। उद्देश्य एवं प्रवृत्तियां: ___ * होनहार, मेधावी एवं जरूरतमंद विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा में छात्रवृत्ति आदि प्रदान कर सहयोग करना। * शिक्षा, साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण, विकास एवं प्रकाशन के कार्यों में सहयोग करना। * समाज के निराश्रित, जरूरतमंद रोगियों की चिकित्सा की यथासम्भव व्यवस्था कर उन्हें औषधि आदि उपलब्ध कराना। इन उददेश्यों की पूर्ति हेतु ट्रस्ट निम्न प्रवृत्तियों का संचालन करता है1. प्रतिवर्ष पर्युषण पर्व पर बालकों एवं महिलाओं की शैक्षणिक प्रतियोगिता आयोजित कर उन्हें पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाती है। जैन विद्या पढ़ने वालों एवं शोधकर्ताओं के लिए एक बुक-बैंक का संचालन किया जाता है। 2. श्री महावीर-धर्मार्थ दवाखाना, 303, अशोक नगर, उदयपुर में चिकित्सा-जांच एवं औषधि-सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाती है। प्रतिवर्ष निःशुल्क नेत्र-चिकित्सा शिविर लगाया जाता है। 3. समाज के निराश्रित जरूरतमंदों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाता है। प्रस्तुत 'प्राकृत कथा-साहित्य परिशीलन' पुस्तक के प्रकाशन में आंशिक अनुदान प्रदान कर देश के प्राचीन साहित्य के प्रचार-प्रसार में सहयोग किया गया है। आशा है, पाठकगण इस शन से प्रेरणा प्राप्त करेंगे। -व्यवस्थापक झमकलालटाया Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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