Book Title: Pragnapana Sutra Part 01
Author(s): Munichandrasuri, Jayanandvijay
Publisher: Guru Ramchandra Prakashan Samiti

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Page 363
________________ श्री प्रज्ञापना सूत्र भाग १ पंचमं विसेसपयं अजीव पज्जवा જાણવું. સંખ્યાતગુણ કાળા પુદ્ગલોના સંબંધમાં એમજ જાણવું. પરન્તુ સ્વસ્થાન–સંખ્યાતગુણકાળાવણને આશ્રયી -દ્વિસ્થાનપતિત હોય છે. એ પ્રમાણે અસંખ્યાતગુણ કાળા વર્ણને આશ્રયી જાણવું. પરંતુ સ્વસ્થાનની અપેક્ષાએ ચતુઃસ્થાનપતિત હોય છે. એમ અનન્તગુણ કાળાપુદ્ગલોના સંબંધમાં જાણવુંપરન્તુ સ્વસ્થાન–અનન્તગુણ કાળા વર્ણને આશ્રયી છ સ્થાન પતિત હોય છે. એ પ્રમાણે જેમ કાળા વર્ણની વક્તવ્યતા કહી છે તેમ બાકીના વર્ણ, ગંધ, રસ અને સ્પર્શની પણ વક્તવ્યતા યાવત્ અનન્તગુણ રુક્ષ યુગલો સુધી કહેવી. ર૭ર૭૨ (210) 'एगपएसोगाढाणं पोग्गलाणं भंते!' मगवन्! में प्रशाद पुड्सलोना डेटा पयो छ? त्या सूत्रछ. અહીં એક પ્રદેશાવગાઢ પુદ્ગલ દ્રવ્યરૂપે તલ્ય છે અને પ્રદેશરૂપે છસ્થાન પતિત હોય છે. કારણ કે અમુક એક પ્રદેશને આશ્રયી રહેલ પરમાણુ આદિ પણ દ્રવ્ય છે, અને આ બીજા એક પ્રદેશને આશ્રયી રહેલ ઢિપ્રદેશાદિક સ્કન્ધ પણ દ્રવ્ય છે. માટે દ્રવ્યાર્થરૂપે તુલ્ય છે. પ્રદેશાર્થરૂપે પસ્થાન પતિત છે. કેમકે અનન્તપ્રદેશિક સ્કન્ધની પણ એક આકાશ પ્રદેશને વિષે અવગાહનાનો સંભવ છે. બાકી બધું સુગમ છે. એ પ્રમાણે સ્થિતિ અને ભાવને આશ્રયી સૂત્રનો ઉપયોગ પૂર્વક વિચાર કરવો. ર૭ાર૭૨ા. जहन्नोगाहणगाणं भंते! दुपएसियाणं पुच्छा। गोयमा! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ? गोयमा! जहन्नोगाहणए दुपएलिए खंधेजहन्नोगाहण[ग]स्स दुपएसियस्स खंधस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, परसट्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए चउट्ठाणवडिए, कालवन्नपज्जवेहिं छटाणवडिए, सेसवन्न-गंध-रसपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, सीय-उसिण-णिद्ध-लुक्ख-फासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, से तेणटेणं गोयमा! एवं वुच्चइ-"जहन्नोगाहणाणं दुपएसियाणं पोग्गलाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता'। उक्कोसोगाहणए वि एवं चेव। अज़हन्नमणुक्कोसोगाहणओ नत्थिा जहन्नोगाहणयाणं भंते! तिपएसियाणं पुच्छा। गोयमा! अणंता पज्जवा पन्नत्ता।से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ? गोयमा! जहा दुपएसिए जहन्नोगाहणए, उक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, एवं अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए वि। जहन्नोगाहणयाणं भंते! चउपएसियाणं पुच्छा। गोयमा! जहा जहन्नोगाहणए दुपएसिए तहा जहन्नोगाहणए चउप्पएसिए, एवंजहा उक्कोसोगाहणए दुपएसिए तहा उक्कोसोगाहणए चउप्पएसिए वि।एवं अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए विचउप्पएसिए, णवरं ओगाहणट्ठयाए सियहीणे सिये तुल्ले,सियमन्महिए। जइ हीणे पएसहीणे, अह अब्महिए पएसअन्महिए। एवं जाव दसपएसिए णेयव्वं, णवरं अजहन्नुक्कोसोगाहणए पएसपरिवुड्डीकायव्वा जावदसंपएसियस्ससत्त पएसा परिवुड्डिज्जति।जहन्नोगाहणगाणं भंते!संखेज्जपएसियाणं पुच्छा। गोयमा! अणंता पज्जवा पन्नत्ता।सेकेणढेणं भंते! एवं वुच्चइ? गोयमा! जहन्नोगाहणए संखेज्जपएसिए जहन्नोगाहणगस्ससंखिज्जपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, परसट्ठयाए दुवाणवडिए,ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए चट्ठाणवडिए, वण्णाइ-चउफासपज्जवेहि य छट्ठाणवडिए। एवं उक्कोसोगाहणए वि। अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, णवरंसट्ठाणे दुट्ठाणवडिए। जहन्नोगाहणगाणं भंते! असंखिज्जपएसियाणं पुच्छा। गोयमा! अणंता पज्जवा पन्नत्ता।सेकेणटेणं भंते! एवं वुच्चइ? गोयमा!जहन्नोगाहणए असंखिज्जपरसिएखंधेजहन्नोगाहणगस्स असंखिज्जपएसियस्स खंधस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए चउट्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए चउवाणवडिए, वण्णाइ-उवरिल्लफासेहि य छट्ठाणवडिए। एवं उक्कोसोगाहणए वि। अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, नवरं सहाणे चउहाणवडिए। जहन्नोगाहणगाणं भंते! अणंतपएसियाणं पुच्छा। गोयमा! अणंता पज्जवा पन्नत्ता।सेकेणटेणं भंते! एवं वुच्चइ? गोयमा!जहन्नोगाहणए अणंतपएसिए खंधेजहन्नोगाहण[गास्स १. जहण्णोगाहणगाणं (भ...) 286

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