Book Title: Nandi Aadi Sapt Sootra Vishayaanukram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 16
________________ आगम संबंधी साहित्य नन्दी-आदि-सप्त-सूत्राणां-लघुबृहविषयानुक्रमौ [आगम-४४] चूलिका-१ 'नन्दीसूत्र' मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि-सूत्रस्य विषयानुक्रम: (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्राक यहां नन्यादिसप्तसूत्र्या बृहद्विषयानुक्रमः। देखीए दीप ४२ क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम नन्दीमत्रकद्धविषयानुक्रमः। मुक्तिनिरासा, भेदाभेद- ४५-४७७ विज्ञाविशदुर्विदग्धपर्षदः ६३-६४ ॥ तीर्थकरगणधराधावलिका ॥ | सिद्धिः) स.१ शानभेदाः (५)(भेदपक गाथादि पत्रं |४-१७* श्रीसहस्य नगर-चक्र-रथ कतत्कमसिद्धिः) (१-३) जिनतद्वचनस्तुतिः पत्र-चन्द्र-सूर्य-समुद्र-मेरुभि- २ प्रमाणद्वैविध्यम् (मतिश्रुतयोः १* भगवत्तीयकृत्स्तुतिः (जीव रुपमा पारोक्ष्य) सिद्धिः, शाब्दप्रामाण्यं, तस्या- |१८-१९* तीर्वकरावलिका इन्द्रियनोइन्द्रियप्रत्यक्षे नुमात्वनिरासा, मवविमोच२०-२१ गणपराकलिका इन्द्रियप्रत्यक्षाणि (५) नसण्यानम्) २२२* शासनस्तुतिः नोइन्द्रियप्रत्यक्षाणि (३) २७वमानस्वामिनमस्कार १५२३-४२७ स्खविरापलिका अवधिभेदो (वेलपौरुषेयत्वनिरासः) |४३* कृवक्षुतममस्कार ज्ञानवर्ष भवप्रत्ययौ द्वौ ३७ श्रीमहावीरखातिशयद्वारेण स्तुतिः।। प्ररूपणां प्रतिजानीते ५४ |८ बायोपशमिको हो (भाष (सर्वज्ञवादा, रागादेरत्यन्त- २३४४* वधनकुटादिमियोग्यायो । समसिद्धिः) क्षवा, नैरास्यनिरासः, सा ग्यपर्यत् । (रष्टान्वाः) ५४ गुणवतोऽवधिभेदषट्रम् सुत्ताणि [आगम-४४] चूलिका-१ 'नन्दीसूत्र' ~16~

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