Book Title: Nandi Aadi Sapt Sootra Vishayaanukram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 20
________________ आगम संबंधी साहित्य नन्दी-आदि-सप्त-सूत्राणां-लघुबृहविषयानुक्रमौ [आगम-४५] चूलिका-२ 'अनुयोगद्वार' मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि-सूत्रस्य विषयानुक्रम: (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्राक यहां देखीए स दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम CACAAAAAAACAR चरकचीरिकादीनामिन्द्रादेरुपलेपनावि २८-३* अहर्निशान्तयोरवश्यकर्त्तव्यता ३१/४४.४५ स्कन्धनिक्षेपाः (४) नामस्थापनाकुआवचनिके २५ २९-३६ भुतनिक्षेपचतुष्क; नामश्रुतं, स्थाप- ऽतिदेशश्च ३९ पटुकायनिरनुकंपादेरावश्यक नाचतं, आगमनोआगमद्रव्यश्रुतभेदो,४६ द्रव्ये आगममोआगमौ व्यतिरिक्त लोकोत्तरिक (असंविग्नदृष्टान्तः) २६ | मशरीरद्रव्यश्रुतं भव्यशरीरद्रव्यश्रुतं सचित्ताचित्तमिश्राः ३९. आगमनोआगमाभ्यां भावावश्यकम् ४७-४९ सचित्ताचित्तमिश्रस्कंधनिरूपणम् ४० (भावलक्षणम् )२८ ३७ पत्रकादि अंडजादि च नोआगमे ५०-५३ अथवा कृत्वात्मानेकद्रव्यस्कन्धाः | बागमतो भावावश्यकं २८ व्यतिरिक्तं द्रव्यश्रुतं ३४ वत्स्वरूपं च ४१ बागमनोआगमाभ्यां भावभुतम् ३५/५४-५७ भावे आगमनोभागमौ, भागमे २५ छौकिके भारतरामायणवाचना आगमभावश्रुतं ३६ ज उपयुक्त, नोभागमे आवश्यकश्रुत२६ घरकचीरिकादेः इज्याजल्यादि ४० नोआगमभावभुतभेदो स्कन्धः ४२ कुविचनिके २९ ४१ भारतरामावणमीमामुरष्ककौटि- २७५ कन्कार्थिकानि ४५ : ४७-२७ अमणादीनां तंच्चित्सावित्वेन लोको- स्यादि लौकिके ३६ बावायके षड् अर्थाधिकाराः ४३ तरिक थावश्यकैकार्यिकानि (0) ४२ चासंगावि लोकोत्तरे ३७ विण्डार्थोपसंहारः प्रत्येकाध्ययन1४३-४* कार्षिकानि (1010 कवनप्रतिज्ञा च । ४४ 44-6 - सुत्ताणि 4 -4G ~ 20~

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