Book Title: Nandi Aadi Sapt Sootra Vishayaanukram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 23
________________ आगम संबंधी साहित्य नन्दी-आदि-सप्त-सूत्राणां-लघुबृहविषयानुक्रमौ [आगम-४५] चूलिका-२ 'अनुयोगद्वार' मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि-सूत्रस्य विषयानुक्रम: (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्राक यहां अनुयोग० वृद्धविष यानुक्रमः दखाए ॥१३४॥ १२६ २४* दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम १२५ नामिकनैपातिकाऽऽख्यातिकौपसनिक- योच्छासाकारगुणवतमणितिमिः १३२ १३१ प्रमाणभेदाः (४) १५१ मित्रभेदाः पञ्चनामनि ११३ १२८,५७-६२७ अष्टनामनि विभक्तयः १३२,९३-५४० द्रव्यप्रमाणे प्रदेशनिष्पन्नवि-TC पण्णानि औदयिकः (निर्देशाद्याः) १३३ मांगनिष्पन्ने मानोन्मानाबमानगणिजीवा (३४) जीवो (५२०) दय- १२९,६३.८२* नवनामनि वीराधा रसाः मप्रतिमानानि, धान्यमाने असखादि निष्पन्नौ, औपाशमिक उपशमनि- सस्वरूपदृष्टान्ताः १३९ रसमाने चतुःषष्टिकादि, उन्मानेऽर्धप्पन्नश्च (११) क्षायिका क्षयनि-१३०,८३-५२ दशनाम गौणागौणादानपन्नश्च (४६) क्षयोपशमः (१) कर्षादि, अवमाने हस्तादि, मणिम | पदप्रतिपक्षपप्रधानताऽनादिसिद्धाक्षयोपशमनिष्पन्नश्च (५१) पारिणान्तनामावयवसंबोग (४) प्रमाणैः एककावि, प्रतिमाने गुंजादि, १५५ मिकः साद्य (जीर्णसुरादीपत्प्राग्भा (४) (स्थापनाप्रमाणे मात्र १३३,९५-१०२४ क्षेत्रप्रमाणे प्रदेशनिष्पन्नः रान्तः) नादिको (धर्मास्तिकायादि देववापाषण्डगणजीविकाहेत्वाभिप्रा- विभागनिष्पने अकुल (३ सूचिधन१०)सानिपातिकः (२. 100 यिकानि (७) भावप्रमाणे सामासि- प्रतिरः) वितस्त्यावलोकान्तं, नैश्चयि१२७ कतद्धितज(७) कर्मशिल्पश्लोकसंयो- कपरमाण्वादि, २४ दण्डकेष्वगाहना | १२७,२५-५६* सप्तनाभनि पहजाचाः का- गसमीपसंयुतैश्वर्यापत्त्यैः) धातुनै- भेदाः, प्रमाणाकुलं १४३ रणलक्षणग्राममूर्छनास्थामयोनिसम- | उकानि १५. १३४-१३६,१०३* काळप्रमाणभेदी, प्रदेश-| ॥१३४॥ सुत्ताणि ~23~

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