Book Title: Mukti ka Amar Rahi Jambukumar
Author(s): Rajendramuni, Lakshman Bhatnagar
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 10
________________ अनुक्रम पूर्वखण्ड १ जन्मपूर्व परिवार एव परिस्थितियाँ २ पूर्वभव एव देह-धारण ३ वाल-जीवन ४ गृहस्थ जीवन का उपक्रम ५ वैराग्योदय ६ गृहत्याग का निश्चय एव विवाह-स्वीकृति ७. विवाह एव पलियो को प्रतिवोध ८. तस्कर प्रभव का हृदय-परिवर्तन उत्तर खण्ड १ लोभी वानर की कथा । पद्मश्री का प्रयत्न २ अगारकारक की कथा . जम्बूकुमार द्वारा पद्मश्री का प्रतिवाद ३, वग किसान की कथा . समुद्रश्री का प्रयत्न

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