Book Title: Meri Mevad Yatra
Author(s): Vidyavijay
Publisher: Vijaydharmsuri Jain Granthmala

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Page 18
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (१) भारत वर्ष में मेवाड़ का बेजोड़ स्थान मेवाड़ का नाम लेते ही, महाराणा प्रताप और स्वामिभक्त भामाशाह का नाम याद आ जाता है। मेवाड़ का नाम लेते ही, सुप्रसिद्ध तीर्थ केशरियाजी' याद आ जाते हैं। मेवाड़ के इतिहास के मानी हैं-भारतवर्ष की गौरवगाथा । पानी और पहाड़ों से सुशोभित मेवाड़ देश, भला किसे न प्रिय लगेगा ? 'हुजूर' 'जो हुकुम' 'अन्नदाता' आदि अत्यन्त मधुर तथा नम्रभाषा भाषी मेवाड़, भारतवर्ष के समस्त प्रान्तों में अपना अद्वितीय स्थान रखता है । मेवाड़, यानी वीरों का समरांगण । मेवाड़, यानी प्राकृतिक श्यों का प्रदर्शन । मेवाड़ का खान-पान तथा वेश-भूषा, सब कुछ सादा । मेवाड़ के मनुष्य, यानी नम्रता की मूर्ति ! तार तथा टेलीफोन-वायरलेस तथा बिजली के इस उन्नत कहे जानेवाले युग में भी, मेवाड़ के प्रत्येक स्थान में पत्रादि (Post) पहुँचाने वाली 'ब्रामणिया डाक' आज तक मौजूद है। कोट, पतलून तथा नेकटाई For Private And Personal Use Only

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