________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मेवाड़ की जैन पंचतीर्थी
श्री नेमिनाथ का नाम, श्री शीलविजयजी और श्री जिनतिलकसूरि ने अपनी अपनी तीर्थमालाओं में भी लिया है । श्री सोमतिलकसरि ने एक स्तोत्र की रचना की है, जिसमें यहाँ का नेमिनाथ का मन्दिर पेथड़शाह द्वारा बनाये जाने का उल्लेख है ।
आजकल यहाँ न पार्श्वनाथ का मन्दिर है और न नेमिनाथ का ही । केवल श्री अदबदजी-श्री शान्तिनाथ भगवान का ही मन्दिर है। यदि आसपास के शेष मन्दिरों की खोज की जावे, तो बहुत से शिलालेख तथा मूर्तियाँ प्राप्त हो सकती हैं।
शान्तिनाथ भगवान् के इस मन्दिर की पूजापाठ की व्यवस्था पहले तो अच्छी न थी। किन्तु आजकल एकलिंगजी में जो हाकिम, साहब हैं, उन्होंने अपने सहायक ऑफिसरों में से तथा अन्य रीतियों से प्रयत्न करके पूजा की व्यवस्था की है। अतएव नियमित रूप से पूजा होती है।
उदयपुर आनेवाले यात्रीलोग यहाँ की यात्रा अवश्य करें। पक्की सड़क है, मोटर, तांगे, गाड़ियाँ आदि सवारी जाती हैं । यहाँ से थोड़ी ही दूर, केवल ३-४ मील की दूरी पर देलवाडा तीर्थ है।
४-देलवाड़ा एकलिंगजी से ३-४ मील दूर देलवाड़ा नामक ग्राम है। इस देलवाड़े में से प्राप्त हुए शिलालेखों के साथ, 'देवकुलपाटक'
For Private And Personal Use Only