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उदयपुर के जैनों की वर्तमानस्थिति
उदयपुर, मेवाड़ राज्य की राजधानी है। यहाँ, जैनों की लगभग एक हजार घर को बस्ती कही जासकती है, जिसमें ओसवाल, पोरवाल, सेठ, आदि सभी का समावेश है। सामाजिक दृष्टि से विचार करने पर, ओसवाल, पोरवाल और सेठ, इस तरह तीन विभाग हैं। इनमें से
ओसवालों में बडे साज (बीसा), लोढ़ेसाज (दसा), पाँचा, आदि उपविभाग हैं। धार्मिकदृष्टि से विचार करने पर, मूर्तिपूजक, स्थानकवासी और तेरहपन्थी, इस तरह तीन विभाग होते हैं। कुछ
ओसवाल ऐसे भी हैं, कि जो वैष्णव धर्म का पालन करते हैं। कुछ लोगों पर आर्यसमाज का भी प्रभाव है। कुछ लोग, किसी खास धर्म को ही पालते हों, ऐसा नहीं है । यह होते हुए भी, ये सबलोग ओसवाल होने के कारण, यह बात तो मानते ही हैं, कि उनका प्राचीन धर्म, जैनधर्म ही है । ओर यही कारण है, कि पर्युषणादि विशेष अवसरों पर तो वे अवश्य ही एक जैनधर्मी की
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