Book Title: Meri Mevad Yatra
Author(s): Vidyavijay
Publisher: Vijaydharmsuri Jain Granthmala

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Page 64
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ( ७ ) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मेवाद के हिन्दू तीर्थ मेवाड़ प्राचीन और प्रसिद्ध देश है, यह कहने की तो कोई आवश्यकता ही नहीं है । काँटा, भाटा, पर्वत, राजदण्ड और वस्त्रलूटन (चोरी) इन पांच रत्नों से प्रसिद्ध माना जानेवाला मेवाड़ प्रदेश, सचमुच ही देवभूमि है। गगनचुम्बी शिखरों से सुशोभित हजारों मन्दिर आज भी मेवाड़ में विद्यमान हैं । छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा कोई भी ग्राम ऐसा नहीं है, कि जहाँ एकाध मन्दिर न मौजूद हो । अनेक प्राचीन नगर, कि जहाँ आज केवल उनके खंडहर ही दृष्टिगोचर होते हैं, पहले अनेक मन्दिरों से सुशोभित थे, इस बात की साक्षी वहाँ के मन्दिरों के भग्नावशेष दे रहे हैं। फिर भी, आज हिन्दू किंवा जैन मन्दिरों की मेवाड़ में कमी नहीं है । इस देवभूमि के अनेक स्थान तो आन जगत्प्रसिद्ध तीर्थस्थान माने जाते हैं, जहाँ देश-देशान्तर के हजारों यात्री तीर्थयात्रा करने आते हैं । हिन्दूओं के ऐसे For Private And Personal Use Only

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