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इम पुस्तिका की प्रस्तावना शैकानेर के मुसिद्ध विद्वान पं० श्रीदशस्यनी गर्मा [.. नहोदय ने लिखने की कृपा की है। अन. इन उन ऋता है। नाय ही पूल इतिहासनत्व महादधि जनाचार्य श्री विजयेन्तमूरिजी ने इस प्रप्त-संशोधन आदि कार्यो में हमारा हाथ टाया है इस लिये हम उनके मी अमारी है और आशा करते है त्रिविद्वानों का सहयोग हुने बराबर मिलता रहेगा।
बिनीत. अगरचन्द्र नाहटा भंवरलाल नाहटा