Book Title: Jivan ki Khushhali ka Raj
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Pustak Mahal

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Page 13
________________ कायाकल्प के लिए कल्याणकारी हो सकते हैं। ये मंत्र आपके जीवन के हर पल को सुखी बना सकते हैं। ___मैं कभी ईश्वर से सुख की कामना नहीं करता। यह अटूट विश्वास है कि दुनिया में कोई भी व्यक्ति कभी ईश्वर से दुःख की कामना नहीं करता पर हरेक को दुःख से गुजरना होता है वैसे ही सुख की कामना की जरूरत नहीं। जब दुःख अपने आप बिन मांगे आता है तो सुख को वैसे भी बिना मांगे स्वतः आने दीजिए। जीवन में चाहे सुख आये या दुःख दोनों का स्वागत तहेदिल से कीजिए सुख का स्वागत तो हर कोई करता है पर सुखी आदमी तभी हो पाता है जब जीवन में आने वाले दुःखों का स्वागत करने के लिए भी वह तैयार हो। इसे यों समझे - जैसे हमारे घर चाचाजी मेहमान बन कर आते हैं । हम उनका सम्मान करते हैं और दो मिठाईयों के साथ उन्हें भोजन कराते हैं पर जाते समय वे हमारे बच्चे के हाथ में सौ का नोट पकड़ा जाते हैं, यानि तीस का खाया सौ दे दिए। पर हमारे घर जंवाई भी आता है जिसका हम चाचाजी से भी ज्यादा सम्मान करते हैं और मान-मनुहार पूर्वक चार मिठाईयों से जंवाई को भोजन भी करवाते है और चाचाजी तो जाते समय सौ रूपए देकर गए पर जंवाई को तो जाते समय सौ रूपए हम देते हैं । सुख दुःख का यही विज्ञान है। सुख आवे तो समझो चाचाजी आए है और दुःख आए तो समझो जंवाई आया है। दोनों का सम्मान करो भाई। चाचाजी के सम्मान में कमी रह जाए तो चल भी जाएगा पर जंवाई के सम्मान में चूक न हो, सावधानी रखना। सादगी सर्वश्रेष्ठ श्रृंगार यदि आप जीवन में खुशियाँ बटोरना चाहते हैं तो पहला मंत्र है-जीवन को सादगी-पूर्वक जीने की कोशिश करें। आपने सुना है-सादा जीवन उच्च - विचार । व्यवहार में सादगी हो, आचरण में श्रेष्ठता हो और विचारों में पवित्रता हो। तुम जितने ऊपर उठोगे उतनी ही विनम्रता तुम्हारे व्यवहार में आ जाएगी। आम के पेड़ पर लटकती हुई कैरी जब कच्ची होती है, तब तक अकड़ी हुई रहती है लेकिन जैसे-जैसे वह कैरी रस से भरती है, मिठास और माधुर्य पाती है, वैसे-वैसे वह आम में तब्दील होती हुई झुकना शुरू हो जाती है। जो अकड़ कर रहती है वह कच्ची कैरी और जो झुक जाय वह पका हुआ आम। 12 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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