________________
जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होगा वह और अधिक सुविधाभोगी बनता जाएगा और उसके बाईस साल के होने पर जब आप ब्रेक लगाने की कोशिश करेंगे तब आपका ब्रेक फेल हो जायेगा। उस वक्त आप सोचेंगे कि अब इस पर रोक लगाऊं कि अब यह ये-ये काम न करें, दोस्तों की महफिल में न जाए, खानेपीने की गलत आदतों से न जुड़े, रात को देर तक घर से बाहर न रहे, पर तब तक देर हो चुकी होगी और बच्चा आपके कहने में न होगा। मैं कहा करता हूँ, अपने बेटे को इतना लायक भी मत बना देना कि वह तुम्हें ही नालायक समझ बैठे। चूक जाएँगे, सुधार लें चूक ___ मैं चाहता हूं कि हम अपने बच्चे को बहुत प्रेम दें, प्यार दें लेकिन काम पड़ने पर अपने बच्चे को डाँटने की हिम्मत भी रखें। उसे प्यार करें लेकिन वक्त आने पर उसे अहसास करा दें कि बेटा, अब तुम्हारी सीमा हो गई। अगर आप ऐसा करने में संकोच कर रहे हैं, हिचकिचा रहे हैं कि ऐसा कहने से मेरा बेटा कहीं नाराज न हो जाए, कहीं कुछ गलत न कर बैठे तो जान लें कि आप चूक खा रहे हैं। एक खुशहाल परिवार हमारे द्वारा, हमारी संतान के द्वारा नरक बना दिया जाएगा। अपने बच्चों को केवल विश्वविद्यालय की डिग्री तक सीमित न करें, उसे लौकिक व्यवहार की सीख भी दें, अपने परिवार, घर व समाज की मर्यादाओं की डिग्री दें। अगर आपका बेटा आपके घर की मर्यादाओं का पालन नहीं कर रहा है तो मैं कहना चाहूंगा कि ऐसा बेटा घर में रखने लायक नहीं होता है। जो बच्चे अपनी मर्जी के मालिक हैं
और अगर आप उन पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं तो आगे जाकर आप दुःखी हो सकते है। हम सोचते हैं कि यह तो बच्चा है, चलो इसका कहा मान लेते हैं, पर क्या यह जरूरी नहीं है कि बच्चा भी हमारा कहना माने। जैसे आप बच्चे की मर्जी पूरी करते हैं तो क्या यह जरूरी नहीं हैं कि बच्चा भी आपकी मर्जी का ख्याल रखें। परिवार के हर सदस्य की भावना का मूल्य होना चाहिए, पर परिवार की मर्यादाओं के मौल पर नहीं। आपका बच्चा अगर गलत जा रहा है तो आप समझाएं और उसे लाख समझाने के बावजूद वह सही रास्ते न आए तो मोह में बंधकर सहन करने की बजाए उसका बहिष्कार एवं त्याग करने की हिम्मत दिखाएं। परिवार के सदस्यों की भावना का मूल्य हैं पर याद रखें घर की भी अपनी मर्यादाएँ होती है।
124
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org