Book Title: Jivan ki Khushhali ka Raj
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Pustak Mahal

View full book text
Previous | Next

Page 132
________________ तो बेचारी घर में पिसती रही है। घर में आपके बच्चों को संभाल रही है, आपकी माँ ने भी उसे कुछ सुना दिया है, आपकी बहन भी कम नहीं है। कुछ-न-कुछ कड़वी बातें बोलती रहती है - एक वह अकेली है और घर के बाहर से आई है और घर में सात सदस्य पहले से हैं। वह घर में सभी का व्यवहार सहन कर रही है और आप घर में पहुंचे और विस्फोट कर बैठे तो उस बेचारी का कौन होगा ? याद रखें पराई बेटी को बहू बनाकर अपने घर लाना सरल है, पर उसके दिल को जीतना मुश्किल है। लक्ष्मी लाएँ तो लक्ष्मी समझें भी। वह अपने आप आपके घर नहीं आई है। आप घोड़ी पर चढ़कर बैंडबाजों के साथ नाचते-गाते उसके हाथ थामकर सम्मान के साथ लाए हैं। अगर आप अपने घर लक्ष्मी को लेकर आए हैं तो उसे लक्ष्मी जैसा सम्मान देना भी सीखिए। हर समय अपनी पत्नी पर धौंस न जमाइए। अगर हर समय धौंस जमाते रहे तो मानसिक तौर पर पत्नी आपके विपरीत हो सकती है। मुझे याद है - एक व्यक्ति शादी करने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि कुछ लोगों ने उसे कह दिया था कि शादी मत करना। शादी करने के बाद बहुत दुःख उठाने पड़ते हैं। पत्नी अगर गुस्सैल हो तो जीवन नरक बना देती है। घर में हर समय तानाशाही और मनमर्जी चलाती है और आदमी से जो चाहे सो कराती है। उसने सोचा कि जानबूझकर मैं यह आफत मोल नहीं लूंगा। वह अट्ठाईस साल का हो गया तब तक शादी नहीं की। एक दिन उसके दोस्त ने कहा 'अरे भाई शादी क्यों नहीं करते?' उसने कहा 'क्या बताएं जमाना बहुत बदल गया है, पत्नी आती है तो धौंस जमाती है, अपने से यह सब सहन नहीं होगा, अकेला रहूंगा और शादी-वादी नहीं करूंगा।' दोस्त ने कहा 'मैं तुम्हें एक उपाय बताता हूं जिससे पत्नी जीवनभर तुम्हारी दासी बनकर रहेगी।' उसने उपाय बताया कि जैसे ही शादी करके पत्नी आए तुम अगले ही दिन से पत्नी पर धौंस जमाना शुरू कर देना। उसने पूछा 'कैसे?' मित्र ने कहा 'दूसरे ही दिन से अकड़कर ही बोलना और साथ में यह भी जोड़ देना, ऐसा काम करो नहीं तो?' उसने कहा, 'यह ठीक है, पत्नी को पहले दिन से ही दबाकर रखो तो जीवनभर दबी रहेगी।' 131 For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142