Book Title: Jivan ki Khushhali ka Raj
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Pustak Mahal

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Page 133
________________ ऐसा ही हुआ, उसने शादी कर ली और अगले दिन सुबह ऑफिस जाना था। उसने कहा, 'मेरे लिए जल्दी से नाश्ता तैयार करो नहीं तो ?' पत्नी ने सोचा आज तो पहला दिन है और यह शुरुआत ही 'नहीं तो' से! फिर उसने कहा, ‘जल्दी से मेरे जूतों की पॉलिश करो नहीं तो ?' पत्नी और घबराई। दोपहर में ऑफिस से आया और बोला 'मेरे लिए खाना बनाओ नहीं तो ?' पत्नी बिचारी घबराई कि न जाने क्या कर्म किये थे सो ऐसा पति मिला जो हर समय धौंस जमाता रहता है । यह काम करो नहीं तो, वह काम करो नहीं तो आखिर मैं करूं क्या ? इस तरह छह महीने बीत गए । उस व्यक्ति ने सोचा दोस्त ने बड़ी जोरदार बात बताई है। इसकी तबसे हिम्मत नहीं हुई जबान चलाने की । पत्नी बेचारी सोचती न जाने क्या बात है हरदम धमकाते रहते हैं, कहीं मैं कुछ बोल दूं तो डर लगता है मुझे छोड़ ही न दें, कहीं तलाक ही न ले ले । साल भर बीत गया तब भी उस युवक की आदत नहीं सुधरी। जब भी कुछ काम कहता ‘नहीं तो' जरूर जोड़ देता। एक दिन पत्नी अपनी पड़ौसन यहाँ गई जो थोड़ी उम्रदराज थी । उसने बातों-बातों में बताया कि मेरा पति जो कहता है मैं करने को तैयार रहती हूँ, आज तक 'ना' नहीं कहा है, लेकिन जबसे इस घर में आई हूं मेरे साथ एक बात हो रही है । वे हमेशा कहते हैं कि यह काम करो नहीं तो, वह काम करो नहीं तो, ऐसा करो नहीं तो, वैसा करो नहीं तो, मेरे साथ हर वक्त नहीं तो, नहीं तो क्यों होता है । आप मुझे कोई उपाय बताएं। पड़ौसन ने कहा 'ठीक है, आज जब वह ऑफिस से आए और तुम्हें कोई काम बताए और कहे नहीं तो, तो तुम पूछ लेना नहीं तो क्या कर लोगे।' उसने कहा ‘नहीं, नहीं यह नहीं पूछ सकूंगी, कहीं नाराज हो गए तो, मुझसे तलाक ही ले लिया तो ?' पड़ौसन ने कहा 'तू चिंता मत कर, हिम्मत करके आज पूछ ही लेना । मैं सब जानती हूँ तेरा पति कितना दब्बू है । वह कुछ नहीं कर सकता है । ' , शाम को पति घर आया, जनवरी का महीना था आते ही उसने कहा मुझे नहाना है मेरे लिए पानी गर्म कर नहीं तो ' पत्नी ने हिम्मत बटोरी और पूछ ही लिया 'नहीं तो आप क्या कर लेंगे ?' अब बारी पति की थी उसने सोचा दोस्त ने यहीं तक बताया था आगे तो बताया ही नहीं था और कुछ उपाय सूझा नहीं सो कहा 'नहीं तो क्या ठंडे पानी से नहा लूंगा।' Jain Education International 132 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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