Book Title: Jivan ki Khushhali ka Raj
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Pustak Mahal

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Page 137
________________ तीनों को घर ले जाता तो मुझे अपनी जिंदगी नरक नहीं बनानी थी जल के देवता!' परिवार में संतुलन रखिए। पति-पत्नी के बीच संतुलन, पिता-पुत्र के बीच संतुलन, सास-बहु के बीच संतुलन! घर-परिवार की व्यवस्था संतुलन पर ही चलती है। आप घर में संतुलन को साधिए, संस्कारों को साधिए, घर सुखमय और स्वर्गमय बन सकेगा। 136 For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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