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वनवास जाने का मौका आ जाए, उस समय अगर वह तुम्हारे साथ जिए तो समझना अच्छी पत्नी है। जब तुम सुखी थे तो अनेक मित्र तुम्हारे इर्द-गिर्द मंडराया करते थे और आज जब विपत्ति की वेला आ गई है और तुम अपने दोस्त को मोबाइल भी कर रहे हो पर वह तुम्हारा नंबर देखकर स्विच बंद कर रहा है। वह जानता है कि तुम उसे फोन क्यों कर रहे हो!
मुख मीठा सज्जन घणा मिल जा मित्र अनेक,
काम पड्यां कायम रहे सो लाखन में एक। कभी जीवन में ऐसा वक्त आ जाए कि तुम्हारा कोई भी न बचा तो ऐसे में जो तुम्हारे काम आ जाए वही वास्तविक मित्र है। मित्र हो पानी में मछली की तरह कि मछली पानी के बिना रह भी न पाये। सरोवर में पंछी की तरह मित्र न हों, कि थोड़ी देर साथ रहे और उड़ जाए। मित्रता तो मोमबत्ती और धागे की तरह हो- जैसे धागा जलता है तो मित्रता निभाने के लिए. मोमबत्ती का मोम भी पिघलता है। मित्र तो ढाल की तरह होना चाहिये जो भले ही पीठ पर रहे पर संकट की वेला में हमारी रक्षा के लिए आगे हो जाये।
सजन ऐसा कीजिए, ढाल सरीखा होय।
दुख में तो आगे रहे, सुख में पाछो होय॥ भला मित्र तो एक ही भला
मैं प्रायः देखा करता हूं कि व्यक्ति अपने मित्रों का दायरा बढ़ाता है क्योंकि वह सोचता है कि महफिल सजाएंगे, होटलों में जाएंगे, मस्ती लूटेंगे, घूमेंगे फिरेंगे। खाओ-पिओ-मौज उड़ाओ की मित्रता व्यक्ति की जिंदगी में चलती रहती है। अगर आपका कोई मित्र नहीं है तो फिक्र न करें। गलत आदतों वाले व्यक्ति को मित्र बनाने की बजाय, तुम बिना मित्र के रहो तो ज्यादा अच्छा है। हर किसी को मित्र बनाने की प्रवृत्ति घातक हो सकती है। मूर्ख, स्वार्थी और चापलूस को कभी भी मित्र न बनाएं।
मुझे याद है - एक राजा और एक बंदर में मित्रता हो गई। बंदर रोज राजमहल में आता तो राजा की उससे निकटता हो गई। राजा ने सोचा आदमी तो धोखा भी दे सकता है लेकिन बंदर मुझे कभी धोखा नहीं देगा। यहाँ तक कि राजा ने अपनी निजी सुरक्षा भी बंदर को सौंप दी। एक दिन राजा बगीचे में घूमने गया। शीतल मंद हवा चल रही थी, राजा एक पेड़ के नीचे बैठा था
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