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जीवनकीबुनियादीबातें जो व्यक्ति अपने जीवन में बेलगाम आकांक्षाएँ रखता है
वह सुख की रोटी खाने को तरस जाता है।
रिमझिम बारिश और सुहावने मौसम के बीच आज हम अपने ही जीवन से जुड़ी कुछ बुनियादी बातें करेंगे। पहले एक प्यारी-सी घटना को लेते हैं - एक सम्राट किसी फ़क़ीर के पास बैठा हुआ अपनी सत्ता, सम्पत्ति, वैभव और राज्य की यशोगाथाएँ सुना रहा था। वह कह रहा था, 'फ़क़ीर साहब जितना सुंदर राजमहल मेरा है, उतना सुंदर राजमहल दुनिया में शायद ही दूसरा हो। राजमहल की दीवारों में सामान्य रंग नहीं है। उन पर सोने के बरक़ लगाए गए हैं। सम्पूर्ण भरतखंड में मेरे विशाल साम्राज्य के समान दूसरा न होगा। फ़क़ीर साहब जितनी सुंदर राजरानियाँ मेरे महल में है, अन्य कहीं देखने को भी नहीं मिलेंगी। जितना विशाल राजकोष मेरे पास है, किसी अन्य सम्राट के पास नहीं होगा।' जैसा कि होता है प्रत्येक सम्पन्न व्यक्ति अपनी सम्पन्नता और वैभव की गाथाएँ कहते पाए जाते हैं वैसे ही वह सम्राट भी फ़क़ीर के सामने अपने ऐश्वर्य का बखान कर रहा था। सत्ता से बड़ी एक सत्ता
सम्राट बोलता रहा, फ़क़ीर शांत भाव से सब कुछ सुन रहा था। अन्ततः
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