Book Title: Jivan ki Khushhali ka Raj
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Pustak Mahal

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Page 63
________________ देता हूँ जिससे हम अपने बुढ़ापे को सही तरीके से जी सकें, स्वस्थ और प्रसन्न मन से जी सकें। बुढ़ापा हो स्वस्थ, कार्यरत और सुरक्षित । लीजिए उचित आहार और व्यायाम - बुढ़ापे में पहली सावधानी रखी जानी चाहिए उचित आहार की । संयमित व संतुलित आहार लें। ज़वानी में तो आप सब कुछ हज़म कर लेते थे, तीखा-खट्टा-मीठा-चरपरा सब पच जाता था, लेकिन बुढ़ापे में आप ऐसा नहीं कर पाएँगे क्योंकि पाचन-तंत्र कमजोर हो जाता है । आहार-विहार, खान-पान का संयम बुढ़ापे में लाभकारी रहता है । समारोह में विभिन्न व्यंजनों को देखकर ललचाएँ नहीं। ये आपके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं । महीने में एक बार किसी चिकित्सक से अपने शरीर की जांच जरूर कराएँ । कहीं ब्लड शुगर तो नहीं बढ़ गई है, रक्तचाप में बार-बार परिवर्तन तो नहीं हो रहा है, कोई रोग आपके शरीर में जगह तो नहीं बना रहा है ? चिकित्सकीय परीक्षण से सारी संभावनाओं का पता चल जाता है और आप स्वयं पर नियंत्रण रखने में सफल हो सकते हैं। आहार- संयम का पूरा-पूरा ध्यान रखें। बुढ़ापे में दूसरी बात जो करनी चाहिए वह है उचित व्यायाम। यह न सोचें कि बूढ़े हो गए हैं तो व्यायाम और योगासन कैसे कर सकते हैं । ढेर सारे व्यायाम कर सकें या न कर सकें पर संधिस्थलों के व्यायाम चाहे जितनी उम्र हो जाए, अवश्य करना चाहिए । स्वास्थ्य एवं हड्डियों की मज़बूती के लिए, शरीर की जकड़न को दूर करने के लिए, गठिया जैसे रोगों से बचने के लिए, घुटनों के दर्द और पीड़ाओं से मुक्ति पाने के लिए, पीठ दर्द से बचने के लिए हर व्यक्ति को कम से कम अपने संधि - स्थलों का व्यायाम जरूर कर लेना चाहिए। पन्द्रह मिनट भी अगर आप संधि - स्थलों के व्यायाम कर लेंगे तो बहुत से रोगों से मुक्त हो सकेंगे। - सुखी और स्वस्थ बुढ़ापे के लिए पन्द्रह मिनट प्रातः भ्रमण अवश्य करें। अगर आधा घंटा टहल सकें तो बहुत ही अच्छा, अन्यथा पन्द्रह मिनट अवश्य घूमें। शरीर की हड्डियाँ मशीन की तरह है । अगर उपयोग किया तो काम की रहेंगी, नहीं तो धीरे-धीरे इसमें जंग लग जाएगा और जकड़ जाएंगी। शरीर का यह स्वभाव है कि जब तक इससे काम लो यह काम का रहता है और जैसे ही काम लेना बंद किया कि नाकाम हो जाता है। मैंने अनुभव किया Jain Education International 62 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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