________________
श्रावक कुपात्र नहीं है
तेरह-पन्थी लोग कहते हैं, कि साधु के सिवा संसार के सभी प्राणी कुपात्र हैं और मरते हुए कुपात्र को बचाना, कुपात्र को दान देकर उसे कष्ट मुक्त करना तथा कुपात्र की सेवा-सुश्रुषा करना, पाप है। जैसा कि वे कहते हैं___ छ कायरा शस्त्र जीव अव्रती त्यांरो जीवणो मरणो न चावेजी । त्याँरो जीवणो मरणो साधु चावे तो रागद्वेष बेहूँ आवेजी ॥ छ कायरा शस्त्र जीव अव्रती त्याँरो असंयम जीवितव्य जाणोजी । सर्व सावध रा त्याग किया त्याँरो संयम जीवितव्य एह पिछाणोजी।
('अनुकम्पा' ढाले वीं) अर्थात्-अव्रती जीव छः काय के जीवों के शस्त्र (घातक) हैं, इसलिए उनका जीना या मरना, न इच्छना चाहिये। यदि
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com