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तेरह - पन्थियों की कुछ भ्रमोत्पादक युक्तियाँ और उनका समाधान
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अब हम तेरह - पन्थियों को कुछ उन युक्तियों को बताते हैं, जिनको तेरह-पन्थी साधु लोगों के हृदय में से दया दान के प्रति श्रद्धा निकालने के लिए काम में छाया करते हैं। साथ ही उन कुयुक्तियों का कुछ जवाब भी देते हैं, जिसमें जनता उनकी कुयुक्तियों के फन्दे से बच सके ।
( १ )
धन देकर जीव बचाना, व्यभिचार कराकर जीव बचाने के समान ही पाप है । यह बताने के लिए तेरह-पन्थी एक कैसी भीषण कुयुक्ति देते हैं, वह सुनिये । तेरह - पन्थी कहते हैं
दोय वेश्या कसाई वाड़े गई, करता देखी हो जीवांरा संहार । दोनों जणियां मतो करी, मरता राख्या हो जीव दोय हजार || एक गहनों देई आपनो, तिन छुड़ाया
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