Book Title: Bharatiya Rajniti Jain Puran Sahitya Sandarbh Me
Author(s): Madhu Smitashreeji
Publisher: Durgadevi Nahta Charity Trust
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(२४) शती तक निर्धारित किया गया है।'
पुराण, जैन पुराण तवा महापुराण की व्याख्या बतलाने के पश्चात् मैंने जिन मूल पुराणों को अपने विषय का आधार बनाया है उनकी सूची निम्नांकित है। नाम
कर्ता भाषा रचना संवत् १. जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति गणधर सुधर्मास्वामी प्राकृत विक्रमपूर्व २. पउमचरिय विमलसूरि प्राकृत चौथी शताब्दी ३. वसुदेव हिण्डी संघदासगणि प्राकृत चौथी शताब्दी ४. आवश्यक नियुक्ति भद्रवाहु प्राकृत छठी शताब्दी ५. आबश्यक चूर्णी जिनदास गणिमहत्तर प्राकृत छठी शताब्दी ६. पद्म पुराण रविषेण संस्कृत छठी शताब्दी ७. हरिवंश पुराण जिनसेन संस्कृत सातवीं शताब्दी ८. आदि पुराण जिनसेन
संस्कृत नवीं शताब्दी (महापुराण) ६. महापुराण महाकवि पुष्पदंत अपभ्रंश नवीं शताब्दी १०. उत्तर पुराण गुणभद्राचार्य संस्कृत दसवीं शताब्दी ११. चउपन्न महापुरिस शीलांक-शीलाचार्य प्राकृत दसवीं शताब्दी
चरिय १२. त्रिशष्टिशलाका आचार्य हेमचन्द्र संस्कृत बारहवीं शताब्दी ... पुरुषचरित्र
मूल प्राधार नयों का संक्षिप्त परिचय १. जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति :
जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति जैन आगमों का छठा उपांग है। गणधर सुधर्मास्वामी द्वारा इस विशाल उपांग की रचना की गई है। चन्द्र प्रज्ञप्ति, सूर्य प्रज्ञप्ति और जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति ये तीन प्रज्ञप्तियां प्राचीन हैं। इसमें संदेह १. ऋषभचन्द्र के. “ए क्रिटिकल स्टडी ऑफ पाउमचरिउम आव विमलसूरि"
अहमदाबाद, पृ० ७२-७३.