Book Title: Bharatiya Rajniti Jain Puran Sahitya Sandarbh Me
Author(s): Madhu Smitashreeji
Publisher: Durgadevi Nahta Charity Trust
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चौथे "ब्राह्मण" वर्ण की स्थापना ऋषभस्वामी के ज्येष्ठ पुत्र भरत द्वारा की गई थी । जो व्यक्ति लोगों को “माहन, माहन" ( हिंसा मत करो) ऐसी शिक्षा देते थे, उन्हें "माहण" अर्थात् "ब्राह्मण वर्ण" की संज्ञा दी गई ।'
इस प्रकार चार वर्णों की स्थापना भरत के समय तक हुई ।
१. हस्तीमलजी महाराज : जैन धर्म का मौलिक इतिहास भाग १, जयपुर: जैन इतिहास समिति १९७१, पृ० २६.