Book Title: Bharatiya Rajniti Jain Puran Sahitya Sandarbh Me
Author(s): Madhu Smitashreeji
Publisher: Durgadevi Nahta Charity Trust
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(३५) (१०) दसवें पर्व में भगवान महावीर का जीवन-चरित्र है । अन्य पर्वो की
अपेक्षा यह पर्व बहुत बड़ा है। पूरे पर्व में १३ सर्ग हैं । इस पर्व में श्रेणिक, कोणिक, सुलता, अभयकुमार, चेटक राजा, हल्लविहल्ल, मेघकुमार, नन्दिषेण, चेलना, दुर्गन्धा, आर्द्र कुमार, ऋषभदत्त, देवानंदा, जमालि, शतानीक, चण्डप्रद्योत, मृगावती, यासासासा, आनंद आदि दस श्रावक, गोशाला, हालीक, प्रसन्नचन्द्र, दुदर्दराइकदेव, गौतमस्वामी, पुण्डरीक, कंडरीक, अम्बड, दशार्णभद्र, धन्नाशालिभद्र, रोहिणेय, उदायन, शतानीक पुत्र, अन्तिम राजर्षि उदायन, प्रभावती, कपिल केवली, कुमारनन्दि, सोनी, कुलवालुक
और कुमारपाल राजा आदि के चरित्र का बहुत अच्छे ढंग से वर्णन किया गया है।
दसवें पर्व के १२वें सर्ग में कुमारपाल के चरित्र का उल्लेख किया गया है । (उसमें पाटन का), कुमारपाल के राज्य-विस्तार का, जिन प्रतिमा के प्रसाद का वर्णन आया है।'
उपर्युक्त पुराणों को ही मैंने अपने विषय का आधार बनाया है। वैसे तो जैन पुराणों की संख्या बहुत है। परमानंदजी ने उन जैन पुराणों की सूची दी है, जो अभी तक प्रकाश में आये हैं या जिनका उल्लेख पाया जाता है । कतिपय जैन पुराणों के नाम इस प्रकार हैं :
जैन पुराण ग्रन्थ सूची क्रम पुराण का नाम कर्ता भाषा रचना सम्वत् सं० १. पउम चरिय विमलसूरि प्राकृत ५वीं शती २. पद्म पुराण आचार्य रविषेण संस्कृत ७०५ ३. पउमचरिउ स्वयंभू - अपभ्रंश ८वीं शती ४. हरिवंश पुराण पुन्नाट संघीय संस्कृत ८४०
जिनसेन
१. जैन साहित्य का वृहद् इतिहास, भाग_6, पृ० ५४,