Book Title: Agamsaddakoso Part 1
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

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Page 410
________________ (सुत्तंकसहिओ) ४०८ इत्थिसागारिय [स्त्रीसागारिक भास्त्री रहती होय|| तंदु. ३४; ते स्थान . इत्थीकरफरिस [स्त्रीकरस्पशी स्त्री यनो स्पर्श बुह. २६.२९; गच्छा. ८३; इत्थी [स्त्री स्त्री इत्थीकहविरतसमिति [स्त्रीकथाविरतसमिति स्त्री आया. १७२,१८४,२७०.२८१,२९५,४६६, धाथी विरभवा३५सावधानी ४६८,४९२,५०४.५०५,५३९,५४७: ॥ पण्हा. ४३: सूय. १८०,१९८,२०३,२०७,२३३ थी २३६, || इत्थीकहा [स्त्रीकथा स्त्री संबंधिवातो २४८,२५०,२५४,२५७,२५८,२६१,२६६, आव. २१: २७०,२७३,२८०,२९७,३७९,४०२,४४९. | | इत्थीगब्भ [स्त्रीगभी स्त्री संजधिराम ४८०,४८५,६१४.६१५,६४१ थी ६४४, भग. २२७; ६६४,६८८,६८९,७४४ थी ७४६: || इत्थीगत्तस्त्रिीगोत्र खीगोत्र टा. १३१,१३७ थी १३९,१७५,२४७.२८४, दस. ३१० २८९,३०१,३०८.४१०,४११,४५४.६१७, इत्थीतित्थ [स्त्रीतीर्थ) स्त्री ३५४न्भेल महीनाथ ६५१,८०२ | તીર્થકરનું શાસન भग. १२३,१२८,१५१,१८५,१८६.१८९, ठा. १००२ १९०,२८४ थी २८६.४१४ थी ४१६.५९४. इत्थीपच्छाकड [स्त्रीपश्चात्कृतो स्त्री ५jeणे ६५९,६८०,७३४,७५६.८३८,८४०, ८४२,८४३,८४६,८५६,९०१,९६५, भग. ४१४,४१५ ९७७,९७८,१०४५: नाया. ६७,१०६: उवा. ५२,५५; इत्थीरज स्त्रिीराज्य]लियाराज्य पण्हा. ४३, विवा. १०; गच्छा. ९५: उव. १९; | इत्थीरयण [स्त्रीरत्नहुमो इत्थिरयण' जीवा. ५२ थी ६४,६६,७० थी ७२,१३०. ठा. १४८; १३१; पुष्फि . ५: सम. ३१.३६८,३८२; तंदु. ९,१५,३३: गणि. ७४; || इत्थीरूव [स्त्रीरूप स्त्री स्व३५ निसी. ५६१ थी ५७०,५८८,७७४.१२५८; बुह. १४३.१४५; दसा. ३५; आव. १७: | इत्थीरूवविरतिसमिति [स्त्रीरूपविरतिसमिति स्त्रीन। दस. ७,२०४,३०९,३१०,३१४,४०२, | આકારકેસ્વરૂપથી વિરમવારૂપ સાવધાની ४०४.४०७,४०८.४६७,४८५: पण्हा. ४३: उत्त. २६,४९,७६.१३८.१८४,२२७,४००.|| इत्थीलक्खण स्त्रीलक्षण मो इथिलक्खण' ५१२ थी ५२१,६१६.१२०९.१२७९ थी सम. १५०: नाया. २५: १२६१.१२६३.१४५० इत्थीलिंगसिद्ध [स्त्रीलिङ्गसिद्धास्त्रीपोत्पन्न अनुओ. १५२,१७७: સિદ્ધત્વ મેળવવું તે इत्थीओ [स्त्रीतस्स्त्रीथी टा. ८२: जीवा. ७ दस. २८३: पन्न. १६: इत्थीओयसमाओग [स्त्रीसहसमायोग] स्त्री साथे || इत्थीवयण [स्त्रीवचनमो इत्थिवयण' સમાગમ आया. ४६६: Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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